Chhatisgarh Police Ke Sipahi Ki Maut Ne LIya Bada Roop (Hathras)
हाथरस (संवाददाता होमेश मिश्रा ) : हाथरस (Hathras) जनपद के सादाबाद क्षेत्र में स्थित भगवती प्रसाद अस्पताल में उपचार के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के सिपाही महाराज सिंह की मौत के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। मंगलवार को मृतक के पिता, भाई और अन्य परिजनों ने प्रेस वार्ता कर अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टरों और पुलिस पर गंभीर लापरवाही एवं लापरवाही को छुपाने का आरोप लगाया।
परिजनों के अनुसार 20 नवंबर से 23 नवंबर 2025 तक सिपाही महाराज सिंह का इलाज डॉ. विनय उपाध्याय (BAMS) के अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान मरीज की हालत लगातार बिगड़ती रही, बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन ने न तो उचित इलाज किया और न ही समय रहते रेफर किया। स्थिति गंभीर होने पर परिजन उन्हें आगरा ले गए, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

अस्पताल पर लापरवाही, फर्जी रिकॉर्ड और अवैध संचालन के आरोप
हाथरस (Hathras) में प्रेस वार्ता के दौरान परिजनों ने बताया कि—
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अस्पताल में IV फ्लूइड, पैथोलॉजी, मेडिकल स्टोर और आपातकालीन सेवाएं बिना वैध लाइसेंस के संचालित की जा रही थीं।
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मरीज की गंभीर हालत के बावजूद ऑक्सीजन सपोर्ट, मॉनिटरिंग सिस्टम, उचित दवाएं और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं कराए गए।
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परिजनों का दावा है कि मेडिकल रिकॉर्ड के पैरामीटर्स—TLC, प्लेटलेट्स और अन्य रिपोर्ट्स को बार-बार बदला गया, ताकि लापरवाही छिपाई जा सके।
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अस्पताल के कर्मचारी योग्यता और लाइसेंस के मानकों पर खरे नहीं उतरते।
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आरोप है कि कमल उपाध्याय, जो B-Pharma लाइसेंसधारी है, अस्पताल के बाहर खुद को “Dr. Kamal Upadhyay, BAMS” लिखकर पेश करता है, जो धोखाधड़ी और नियमों का उल्लंघन है।
परिजनों ने कहा कि इलाज में लापरवाही के कारण सिपाही महाराज सिंह की मौत Shock due to Sepsis से हुई, जिसे समय रहते पहचाना जा सकता था।

FIR दर्ज नहीं होने पर पुलिस की भूमिका पर सवाल
परिजनों का कहना है कि उन्होंने सादाबाद थाना में लिखित शिकायत दी, लेकिन FIR दर्ज नहीं की गई।
इसके अलावा हाथरस (Hathras) स्वास्थ्य विभाग के जांच अधिकारी ने बिना उचित जांच किए अस्पताल को क्लीन चिट दे दी, जिससे पीड़ित परिवार और अधिक आक्रोशित है।
परिजनों ने इसे प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास बताया।
परिजनों की प्रमुख माँगें
हाथरस (Hathras) के पीड़ित परिवार ने प्रशासन और सरकार के सामने निम्नलिखित मांगें रखीं—
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डॉ. विनय उपाध्याय, कमल उपाध्याय सहित अस्पताल स्टाफ के खिलाफ तत्काल FIR।
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मामले के जांच अधिकारी का निलंबन।
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सादाबाद थाना पुलिस की जवाबदेही तय की जाए।
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अस्पताल, पैथोलॉजी, मेडिकल स्टोर और सभी स्टाफ की लाइसेंस व योग्यता की पूर्ण जाँच।
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निष्पक्ष और उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच टीम गठित की जाए।
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मृतक पुलिसकर्मी के परिवार को न्याय और उचित क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए।
परिजनों ने चेतावनी दी — “जल समाधि लेने को मजबूर होंगे”
हाथरस (Hathras) से परिजनों ने प्रेस वार्ता के अंत में चेतावनी दी कि—
“अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, दोषियों पर सख्त कदम नहीं उठाए, तो पूरा परिवार मजबूर होकर जल समाधि लेगा।”
परिजनों की पीड़ा और आक्रोश को देखते हुए ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने भी मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।