ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हेरिटेज पर्यटन नीति जल्द ही शुरू की जाएगी। इस नीति के तहत देश भर के निवेशकों को यूपी में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ऐतिहासिक किलों और हवेलियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा, ताकि वे पर्यटन के दृष्टिकोण से आकर्षक बन सकें। इससे न केवल इन स्थलों का संरक्षण होगा, बल्कि इनसे जुड़े सांस्कृतिक पहलुओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
Uttar Pradesh में हेरिटेज पर्यटन नीति
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा हेरिटेज पर्यटन नीति की शुरुआत एक अहम कदम है, जो राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में बढ़ाया गया है। इस नीति के तहत राज्य के पुराने किलों, हवेलियों, महलों और अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं को पुनर्निर्मित किया जाएगा और उन्हें होटल और टूरिस्ट रेसॉर्ट्स के रूप में परिवर्तित किया जाएगा, ताकि पर्यटकों को एक अनोखा और यादगार अनुभव मिल सके।
निवेश आकर्षित करना: इस योजना के तहत देश और विदेश से निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। यूपी सरकार का उद्देश्य है कि निजी निवेशकों को आकर्षित करके इन ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाए, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास होगा।
स्थानीय रोजगार सृजन: होटल और रिसॉर्ट्स के रूप में रूपांतरित इन किलों और हवेलियों से स्थानीय समुदायों को रोजगार मिलेगा, जैसे कि होटल संचालन, गाइड सेवा, हस्तशिल्प उत्पाद, और अन्य पर्यटन संबंधित व्यवसायों में।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण: हेरिटेज पर्यटन नीति के तहत, इन प्राचीन स्थलों का संरक्षण किया जाएगा और साथ ही साथ इनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों को इनकी अहमियत का पता चल सके।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा: इस नीति के तहत यूपी में पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। खासकर विदेशी पर्यटकों के लिए यूपी के ऐतिहासिक स्थलों की महत्वता को उभारा जाएगा, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से समृद्ध हैं।
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यह योजना उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को एक हेरिटेज पर्यटन हॉटस्पॉट बनाने के लिए सहायक साबित हो सकती है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन मिलेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। यूपी में ऐतिहासिक किलों और हवेलियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा, ताकि वे पर्यटन के दृष्टिकोण से आकर्षक बन सकें। इससे न केवल इन स्थलों का संरक्षण होगा।