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Home Stay पर अब घरेलू टैक्स का लाभ,योगी सरकार का बड़ा फैसला!

उत्तर प्रदेश Home Stay टैक्स छूट नीति 2025

यूपी में होम स्टे पर नहीं लगेगा कमर्शियल टैक्स, घरेलू दरों पर मिलेंगी सुविधाएं – जानें कैसे मिलेगा लाभ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के नागरिकों के लिए Home Stay व्यवसाय को और अधिक सरल, लाभदायक और आकर्षक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार अब होम स्टे संचालकों को वाणिज्यिक टैक्स से राहत देते हुए घरेलू दरों पर हाउस टैक्स, बिजली बिल, जल कर और सीवर टैक्स देने की सुविधा प्रदान करेगी। यह कदम ‘उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति’ के तहत उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पर्यटन को प्रोत्साहन देना और स्थानीय निवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।

नई नीति के तहत Home Stay व्यवसायियों को मिलेगी राहत

नई नीति के अनुसार, अब वे परिवार जो अपने घर के कुछ कमरों को पर्यटकों को ठहराने के लिए उपलब्ध कराते हैं, उन्हें कमर्शियल टैक्स की भारी दरों से मुक्ति मिलेगी। इसके स्थान पर उन्हें केवल सामान्य घरेलू दरों पर टैक्स देना होगा। इससे छोटे स्तर पर पर्यटन से जुड़ने वाले आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी और वे कम लागत में यह व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।

नई नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पंजीकृत होम स्टे संचालन के लिए भवन मालिक अपने घर के अधिकतम दो-तिहाई कमरों को किराए पर दे सकेंगे। एक होम स्टे में कम से कम एक और अधिकतम छह कमरे या 12 बेड की अनुमति होगी। इससे अधिक कमरे होने पर उस पर सामान्य गेस्ट हाउस या होटल के नियम लागू होंगे।

Home Stay Business in UP
यूपी के होम स्टे संचालकों के लिए खुशखबरी, टैक्स में भारी राहत

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

यह नीति प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन, लखनऊ, आगरा और अन्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक शहरों में पर्यटन को मजबूती प्रदान करेगी। भारत और विदेश से आने वाले पर्यटक अब बेहतर, सस्ते और स्थानीय अनुभवों से भरपूर ठहराव का विकल्प चुन सकेंगे।

होम स्टे में रुकने वाले पर्यटक न केवल स्थानीय खानपान और संस्कृति को समझ पाएंगे, बल्कि प्रदेश की समृद्ध परंपरा और जीवनशैली से भी जुड़ाव महसूस करेंगे। इससे उत्तर प्रदेश का पर्यटन उद्योग अधिक समावेशी और सांस्कृतिक रूप से प्रामाणिक बनेगा।

पंजीकरण अनिवार्य, मिलेगा प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता

नीति के तहत प्रत्येक Home Stay संचालक को राज्य सरकार के पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद न केवल उन्हें घरेलू दरों का लाभ मिलेगा, बल्कि सरकार की ओर से उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण सेवा की गुणवत्ता, आतिथ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और बुकिंग प्रक्रियाओं जैसे पहलुओं पर केंद्रित होगा।

इसके अलावा, राज्य सरकार इन संचालकों को 10,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी, जिससे वे अपने Home Stayकी बुनियादी व्यवस्था को बेहतर बना सकें। यह सुविधा प्रदेश के सभी जिलों में उपलब्ध होगी, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होंगे।

स्थानीय रोजगार और आय के नए अवसर

सरकार की इस पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। खासकर उन इलाकों में जहां परंपरागत रूप से होटल या बड़े लॉज की व्यवस्था नहीं है, वहां होम स्टे एक बेहतर विकल्प बनकर उभरेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह नीति ग्रामीण पर्यटन को नई दिशा देगी और युवाओं के लिए स्वरोजगार के द्वार खोलेगी।

पर्यटकों को मिलेगा घरेलू अनुभव

घरेलू वातावरण में ठहरने की सुविधा से पर्यटकों को अधिक सुकूनदायक और सुरक्षित अनुभव प्राप्त होगा। स्थानीय खानपान, त्योहारों, बोली-भाषा और परंपराओं से प्रत्यक्ष संपर्क से पर्यटन अनुभव और भी यादगार हो जाएगा। सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की छवि को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त बनाएगी।

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

सरकार की यह पहल:

  • स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी

  • प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी

  • आने वाले पर्यटकों को उत्तर प्रदेश में एक समृद्ध, सुरक्षित और अविस्मरणीय अनुभव मिलेगा

  • यह नीति पर्यटन क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति’ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया बल देने जा रही है। घरेलू दरों पर टैक्स की सुविधा, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता जैसे कदम आम नागरिकों को पर्यटन क्षेत्र में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

योगी सरकार की यह नीति उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि प्रदेश का सांस्कृतिक और आर्थिक विकास भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

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