Kasganj Me Urea Ki Killat Se Pareshaan Kisaan
कासगंज (संवाददाता जयचंद्र) : कासगंज (Kasganj) जनपद के कस्बा आमंपुर में कृषि कार्य चरम पर होने के बावजूद यूरिया खाद का संकट गहराता जा रहा है। डीएपी की किल्लत से उबरते ही अब किसानों को यूरिया के लिए जूझना पड़ रहा है। गेंहू की पहली सिंचाई के बाद यूरिया की मांग तेजी से बढ़ी है, लेकिन सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान होकर निजी दुकानदारों का रुख कर रहे हैं—जहाँ उन्हें खाद मनमाने दामों पर खरीदनी पड़ रही है।

सहकारी समितियों पर ताले, निजी दुकानों पर मनमानी
कासगंज (Kasganj) के किसानों का कहना है कि सहकारी समिति पर यूरिया उपलब्ध नहीं है, जिस कारण वे मजबूरी में निजी खाद विक्रेताओं के पास जाते हैं। जहाँ 275 रुपये वाली यूरिया की बोरी 350 रुपये से लेकर 500 रुपये तक बेची जा रही है।
इसके अलावा दुकानदार किसानों को बिना “लगेज” (अन्य खाद या सामान साथ लेने की शर्त) के यूरिया देने से इनकार कर रहे हैं, जिससे किसानों का आर्थिक बोझ और बढ़ गया है।
किसानों की फसलें संकट में
कासगंज (Kasganj) के किसान किताब सिंह, दिलीप कुमार, मुलायम सिंह, केशवदेव, ग्रीस चंद्र, राकेश, अशोक, कैलाश और धर्मवीर ने बताया कि गेंहू, सरसों और आलू की फसलें तेजी से बढ़ रही हैं और इस समय यूरिया खाद की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
लेकिन खाद उपलब्ध न होने से फसल की वृद्धि प्रभावित हो रही है और समय पर खाद न मिलने से पैदावार में भारी नुकसान होने की आशंका है।
किसानों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हर सीजन में खाद संकट उत्पन्न हो जाता है, जिससे उन्हें महंगे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। महंगाई के इस दौर में खेती पहले ही घाटे का सौदा बनती जा रही है।
निजी दुकानदारों पर गोरखधंधे के आरोप
कासगंज (Kasganj) से कई किसानों ने आरोप लगाया कि लाइसेंसधारी दुकानदार संकट का फायदा उठाकर यूरिया की जमाखोरी कर रहे हैं और फिर किसानों को कई गुना दाम पर बेच रहे हैं।
धर्मवीर, ओमप्रकाश, राहुल, महाराज सिंह और भूरे ने बताया कि दुकानदारों के अवैध मुनाफाखोरी पर कोई नियंत्रण नहीं है। न तो कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है और न ही शिकायत पर कोई कार्रवाई होती है।
किसानों ने कहा कि जब सरकार की ओर से पर्याप्त खाद की सप्लाई की जा रही है, तो फिर समितियों तक खाद क्यों नहीं पहुँच रही, यह जांच का विषय है।
किसानों ने प्रशासन से लगाई गुहार
प्रदेश सरकार जहाँ किसानों के हित में योजनाएँ लागू करने की बात करती है, वहीं जमीनी स्तर पर कृषि संसाधनों की किल्लत किसानों को बेहाल कर रही है। किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने, निजी दुकानदारों की जाँच कराने और समितियों पर नियमित खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।
कासगंज (Kasganj) के किसानों का कहना है कि यदि समय रहते खाद उपलब्ध नहीं कराई गई, तो उनकी फसलें प्रभावित होंगी, जिससे परिवार की आजीविका पर बड़ा संकट आ जाएगा।
जांच और कार्रवाई की माँग
क्षेत्रीय किसानों ने पड़ताल करते हुए कासगंज (Kasganj) प्रशासन से आग्रह किया है कि खाद विक्रेताओं द्वारा अधिक कीमत वसूलने, बिना बिल खाद बेचने, जमाखोरी और लोडिंग-बंडी की जबरन शर्त जैसे मामलों की गंभीरता से जाँच की जाए।
साथ ही माँग की है कि सहकारी समितियों पर खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को मजबूरी में महंगे दामों पर खाद न खरीदनी पड़े।