Kashganj सिढ़पुरा में हर दिन भीषण जाम, ऑटो और ई-रिक्शा की मनमानी से परेशान लोग।
जयचंद (संवाददाता): Kashganj जिले के सिढपुरा कस्बे में एटा-गंजडुंडवारा और धूमरी-पटियाली रोड पर ऑटो और ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या के कारण सड़क पर जाम की समस्या गंभीर हो गई है। नगर में सैकड़ों ऑटो और ई-रिक्शा चल रहे हैं, जिन्हें 15 साल के बच्चे से लेकर 65 वर्ष के बुजुर्ग भी चला रहे हैं। इन वाहनों के लिए नगर में कोई स्टैंड नहीं है, न ही कोई रोकने की जगह तय है। ऑटो और ई-रिक्शा चालक मर्जी से रुकते और चलते हैं, जिससे जाम लग जाता है।
Kashganj पुलिस प्रशासन की चुप्पी और राहगीरों की परेशानी
Kashganj पुलिस प्रशासन ने इस गंभीर समस्या पर चुप्पी साध रखी है। जाम लगने से राहगीर परेशान हैं और समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। नगर के चौराहों पर पुलिस की व्यवस्था नहीं है, जबकि होमगार्ड डंडे लेकर खड़े कर दिए गए हैं। कस्बे के एटा-गंजडुंडवारा तिराहे पर प्रतिदिन दिन में दर्जनों बार जाम लगता है, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
ऑटो और ई-रिक्शा के लिए रूट प्लान और स्टैंड की आवश्यकता
नगर पालिका परिषद और यातायात विभाग के पास इन ई-रिक्शा और ऑटो का ठीक से डेटा तक नहीं है और न ही इनकी निगरानी की जा रही है। चालक कहीं से भी कहीं तक सवारी बैठा रहे हैं, जिससे यात्री के साथ कोई अनहोनी होने की दशा में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का पता लगाना मुश्किल होगा। Kashganj शहर में डेढ़ हजार के करीब ई-रिक्शा और ऑटो संचालित हैं, लेकिन इनके लिए रूट निर्धारित नहीं हैं।

यातायात विभाग स्टैंड बनाने के लिए नगर पालिका परिषद को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन इस ओर नगर पालिका परिषद के अधिकारी और चेयरमैन ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे अभी तक ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन के लिए न तो रूट निर्धारित किया गया है और न ही स्टैंड का स्थान तय हुआ है।
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर अव्यवस्था
Kashganj के रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड के बाहर दर्जनों की संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा खड़े रहते हैं, जो सवारियों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और मनमाना किराया वसूलते हैं। शुक्रवार की रात पैसेंजर ट्रेन करीब 11:30 बजे फर्रुखाबाद से Kashganj पहुंची, तो रात के समय होने के कारण आसपास के गांव की सवारियों से ई-रिक्शा चालकों ने मनमाने तरीके से 300 से 400 रुपये तक वसूलने लगे। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर कुछ यात्रियों ने कुछ घंटे बिताने चाहे, तो जीआरपी के सिपाहियों ने उन्हें खदेड़कर भगा दिया।
इसी तरह, Kashganj रोडवेज बस स्टैंड पर रात करीब 12:30 बजे भी ई-रिक्शा चालकों की भीड़ लगी हुई थी। दिल्ली से बस आते ही रिक्शा चालक सवारियों की ओर बढ़ते नजर आए और आधी रात का समय होने के कारण वे मनमाना किराया वसूलने लगे। रात में सुरक्षा के नाम पर रोडवेज पुलिस चौकी का गेट भी बंद था, जिस पर एक गार्ड तक नहीं था।
प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे
Kashganj नगर पालिका परिषद और यातायात विभाग के पास इन ई-रिक्शा और ऑटो का ठीक से डेटा तक नहीं है और न ही इनकी निगरानी की जा रही है। चालक कहीं से भी कहीं तक सवारी बैठा रहे हैं, जिससे यात्री के साथ कोई अनहोनी होने की दशा में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का पता लगाना मुश्किल होगा। Kashganj में डेढ़ हजार के करीब ई-रिक्शा और ऑटो संचालित हैं, लेकिन इनके लिए रूट निर्धारित नहीं हैं।
यातायात विभाग स्टैंड बनाने के लिए नगर पालिका परिषद को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन इस ओर नगर पालिका परिषद के अधिकारी और चेयरमैन ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे अभी तक ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन के लिए न तो रूट निर्धारित किया गया है और न ही स्टैंड का स्थान तय हुआ है।