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Uttar Pradesh कैबिनेट बैठक में कोटेदारो को मिली बड़ी राहत, KDA में शामिल हुए ये 80 गांव

ब्यूरो रिरोर्टः राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाले कोटेदारों के लिए बिक्री रजिस्टर रखने की बाध्यता से मुक्ति मिल गई है। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) आवश्यक वस्तु कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय वित्त आयोग, सीएजी और भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार यूपी में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का निर्णय लिया गया है।

Uttar Pradesh में कोटेदारो को मिली बड़ी राहत

Uttar Pradesh कैबिनेट बैठक में कोटेदारो को मिली बड़ी राहत, KDA में शामिल हुए ये 80 गांव

इसके तहत किसी भी विभाग द्वारा डिफाल्ट होता है तो उसका भुगतान रिडम्प्शन फंड से किया जाएगा। आदेश-2024 को जारी करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ई-पॉस मशीन आने के बाद सारा रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से संरक्षित रहता है। ऐसे में मैनुअल रजिस्टर रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है। इसलिए नियमों में बदलाव किया गया। सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों को विभिन्न वित्तीय संस्थानों से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है।

Uttar Pradesh कैबिनेट बैठक में कोटेदारो को मिली बड़ी राहत, KDA में शामिल हुए ये 80 गांव

देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने इस फंड के लिए 1.63 लाख करोड़ करोड़ रुपये की गारंटी ली है। सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों को विभिन्न वित्तीय संस्थानों से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है। दरअसल आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने इस फंड के लिए 1.63 लाख करोड़ करोड़ रुपये की गारंटी ली है। आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर में कई भवन करीब 60 से 70 साल पुराने हैं। इन भवनों को ध्वस्त कर यहां नए भवन बनाए जाने हैं।

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शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इन निष्प्रयोज्य भवनों को ध्वस्त करने संबंधी प्रस्ताव को मौजूरी दे दी गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना के अंतर्गत 1285 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए है। नए शहरों के समग्र एवं समुचित विकास मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। इसमें नौ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को भूमि खरीद के लिए 50 प्रतिशत पैसा दिया जा रहा है।

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