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पुस्तैनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए अनशन पर बैठा कुनबा

Kushinagar Pustani Zameen Par Kabza - Anshan

Kushinagar के खजुरिया गाँव में पुस्तैनी जमीन पर कब्जे का विवाद बढ़ा, जानें पूरी खबर!

Kushinagar जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के खजुरिया गाँव में एक परिवार अपनी पुस्तैनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए आमरण अनशन पर बैठा है। इस परिवार ने हल्का लेखपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनसे संबंधित कार्यवाही की मांग की है। यह परिवार अपनी पुस्तैनी जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और न्याय की उम्मीद में अनशन पर बैठा है।

अनशन पर बैठे परिवार ने Kushinagar प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की माँग की

अनशनकारी परिवार ने Kushinagar जिले के डीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। इसके बावजूद, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। परिवार ने प्रशासन से अपनी पुस्तैनी जमीन पर कब्जा दिलवाने की अपील की है और हल्का लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।

अनशन के दूसरे दिन गंभीर हुई स्थिति

दो दिन से अनशन पर बैठे इस परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य की तबियत अचानक बिगड़ गई है। हालांकि, प्रशासन या किसी जिम्मेदार अधिकारी ने उनकी मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया। यह घटना स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बन गई है और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

Kushinagar Land Occupation Dispute Escalates:
Kushinagar ke Khajuriya Gaon me Pustani Zameen par Kabza Pane ke Liye Anshan par Baitha Kunba”

परिवार की मुख्य माँगें

अनशन पर बैठे परिवार की प्रमुख माँगें निम्नलिखित हैं:पुस्तैनी जमीन पर कब्जा प्राप्त करना, हल्का लेखपाल को निलंबित करनाप्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग।

खजुरिया गाँव में भूमि विवाद

Kushinagar के खजुरिया गाँव में यह भूमि विवाद लंबे समय से चल रहा है। परिवार के अनुसार, प्रशासन और हल्का लेखपाल ने इस विवाद को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसके कारण उन्हें अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।

प्रशासन को बढ़ रहा दबाव

Kushinagar प्रशासन और पुलिस पर इस मामले में जल्द कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों और मीडिया ने इस अनशन को कवर किया है, जिससे Kushinagar प्रशासन के लिए स्थिति और भी जटिल हो गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर कोई हल निकालेगा या नहीं।

Kushinagar के खजुरिया गाँव में पुस्तैनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए बैठा आमरण अनशन एक गंभीर समस्या का प्रतीक बन गया है। इस अनशन में परिवार ने न केवल अपनी जमीन के अधिकारों को लेकर संघर्ष किया, बल्कि हल्का लेखपाल पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं और उसे निलंबित करने की मांग की है। प्रशासन से बार-बार न्याय की गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

जिससे स्थानीय समुदाय में असंतोष और प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। अनशन के दूसरे दिन अनशनकारी बुजुर्ग की हालत बिगड़ने के बावजूद Kushinagar प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है। अब इस परिवार की माँग सिर्फ अपनी जमीन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे प्रशासन से त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

इस प्रकार के मामलों में प्रशासन की निष्क्रियता और लापरवाही की गंभीरता को देखते हुए, यह जरूरी है कि सरकार और प्रशासन ऐसे मुद्दों को जल्द और प्रभावी रूप से हल करें, ताकि नागरिकों को उनका कानूनी अधिकार मिल सके और ऐसे संघर्षों की पुनरावृत्ति न हो।

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