Ghazipur Karyakarm Me Pahunche Central Minister Giriraj Singh
गाजीपुर (संवाददाता पवन मिश्रा) : गाजीपुर (Ghazipur) के मोहमदाबाद तहसील स्थित शहीद पार्क में 29 नवंबर 2024 को स्वर्गीय विधायक कृष्णानंद राय और उनके छह साथियों के शहादत दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्षेत्र और प्रदेश भर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। कार्यक्रम में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री के आगमन से आयोजन की गरिमा और भी बढ़ गई, वहीं मंच से उन्होंने प्रदेश की राजनीति, अंसारी बंधुओं के आतंक और बिहार की मौजूदा राजनीति पर खुलकर बयान दिए।

गिरिराज सिंह का तीखा प्रहार: “कृष्णानंद राय ने अंसारी आतंक से मुक्ति दिलाई”
गाजीपुर (Ghazipur) जिले के मोहमदाबाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि स्वर्गीय कृष्णानंद राय केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि वे अत्याचार और आतंक के खिलाफ लड़ने वाले योद्धा थे। उन्होंने कहा कि जैसे 1857 की क्रांति में मंगल पांडे ने आगाज किया और गाजीपुर के शिवपूजन राय सहित अष्ट शहीदों ने उसे मुकाम तक पहुंचाया, उसी तरह कृष्णानंद राय ने भी अपराधियों और आतंक फैलाने वाले तत्वों को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक संघर्ष किया।
उन्होंने मंच से सीधे तौर पर अंसारी बंधुओं पर हमला बोलते हुए कहा,
“कृष्णानंद राय ने सिर्फ अपराधियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि अंसारी बंधुओं के आतंक से भी पूर्वांचल को मुक्ति दिलाने का काम किया। उन्होंने सनातन परंपरा और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।”
गाजीपुर (Ghazipur) से गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी शहादत सिर्फ राजनीतिक संघर्ष का अंत नहीं थी, बल्कि एक विचार और आदर्श को आगे बढ़ाने की प्रेरणा थी।
बिहार चुनाव और तेजस्वी यादव पर कटाक्ष: “जो अपने भाई का नहीं हुआ, वह किसी के साथ क्या होगा?”
गाजीपुर (Ghazipur) के मोहमदाबाद में मीडिया से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने बिहार की राजनीति पर भी अपनी बात रखी। बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव के ‘जयचंद’ बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव खुद अपने परिवार को सम्मान नहीं दे पाए।
उन्होंने कहा,
“तेजस्वी यादव आज जयचंद को खोज रहे हैं, जबकि उनके ही भाई तेज प्रताप कह रहे हैं कि जयचंद घर में ही छिपा हुआ है। जो व्यक्ति अपने भाई, अपनी बहन, अपनी बहू का नहीं हुआ और जिस ढंग से वह भारतीय संस्कृति को तार-तार करता है, वह किसी का सच्चा साथी कैसे हो सकता है?”
गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के बयान को राजनीतिक हताशा का परिणाम बताया और कहा कि विपक्ष के पास जनता के बीच जाने लायक मुद्दों की कमी है, इसलिए वे बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं।
कृष्णानंद राय की शहादत को याद कर भावुक हुए समर्थक
गाजीपुर (Ghazipur) जिले में कार्यक्रम के दौरान कृष्णानंद राय और उनके साथ शहीद हुए छह सहयोगियों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। उपस्थित लोगों ने उनकी वीर गाथा और संघर्ष के दिनों को याद किया। कई वक्ताओं ने कहा कि 29 नवंबर 2005 पूर्वांचल की राजनीति के इतिहास का काला दिन था।
जनसभा में आए लोगों ने एक स्वर में कहा कि कृष्णानंद राय की शहादत पूर्वांचल को अपराध के अंधकार से निकालने की शुरुआत थी। आज भी लोग उनके कार्यों और साहस की मिसाल देते हैं।
कार्यक्रम में जनसैलाब—सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
गाजीपुर (Ghazipur) जिले के मोहमदाबाद स्तिथ शहीद पार्क में सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी। केंद्रीय मंत्री के आगमन को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया।