Meerut पुलिस द्वारा महिलाओं को पीटने की घटना पर सपा का हमला, सख्त कार्रवाई की मांग!
उत्तर प्रदेश के Meerut जिले में पुलिस कर्मियों द्वारा दलित महिलाओं को पीटने का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसके बाद राजनीति में हलचल मच गई है। वहीं, सपा विधायक अतुल प्रधान ने इस मामले को लेकर गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा कि वे दलित महिलाओं की पिटाई के मामले में आमरण अनशन करेंगे।
Meerut के लावड़ में पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं की पिटाई
यह घटना Meerut जिले के लावड़ क्षेत्र की है, जहां दो भाइयों के बीच मारपीट की घटना के बाद Meerut पुलिस मौके पर पहुंची। जब Meerut पुलिसकर्मियों ने कार्यवाही शुरू की, तो महिलाओं ने दरोगा के साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठी डंडों से युवक और महिलाओं दोनों को बुरी तरह पीटा। यह घटनाक्रम एक वीडियो में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
सपा विधायक अतुल प्रधान का आरोप और आमरण अनशन की धमकी
बता दे कि इस घटना के बाद Meerut के सरधना विधायक अतुल प्रधान पीड़ित महिलाओं को लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे। हालांकि, उन्हें एसएसपी से मुलाकात नहीं हो पाई। अतुल प्रधान ने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की आलोचना की और कहा कि अगर न्याय नहीं मिला, तो वह आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दलित महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
अखिलेश यादव ने किया वीडियो शेयर
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि सरकार दलितों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम है। उन्होंने इस घटना को उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता करार दिया और इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जवाब मांगा।

Meerut पुलिस कार्रवाई और प्रशासन की चुप्पी
हालांकि यह मामला उत्तर प्रदेश में पुलिस के अत्याचार और प्रशासन की निष्क्रियता की ओर इशारा करता है। जबकि पुलिस ने अपना बचाव किया है और कहा है कि उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया था, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि यह घटना सरकारी तंत्र की विफलता को उजागर करती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आगामी कदम
बता दे कि इस घटना के बाद सपा और भाजपा के बीच राजनीति तेज हो गई है। सपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए दलितों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की बात की है, जबकि भाजपा ने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्रक्रिया बताया है। यह मामला अब राजनीतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा सवाल बन गया है कि सरकार और पुलिस प्रशासन क्या कदम उठाएंगे।
Meerut में पुलिस द्वारा महिलाओं की पिटाई का मामला न केवल समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर रहा है, बल्कि अब यह राजनीति का हिस्सा भी बन चुका है। सपा के नेताओं, विशेष रूप से अखिलेश यादव और अतुल प्रधान, ने इस घटना के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे सरकार की विफलता के रूप में पेश किया है। Meerut पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ की गई बर्बरता ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है, जिसके कारण विरोध और राजनीति में उबाल आ गया है।
दरअसल इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि Meerut पुलिस प्रशासन और सरकार क्या कदम उठाएंगे ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। समाज में इस प्रकार के अत्याचारों के खिलाफ सख्त कानून और कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं और दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और क्या प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सफल हो पाता है। यह घटना सरकार के लिए एक बड़ा संकेत है कि वह अपनी पुलिस व्यवस्था और कानून व्यवस्था में सुधार लाए ताकि ऐसे मामलों को न केवल रोका जा सके, बल्कि पीड़ितों को न्याय भी मिले।