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Muzaffarnagar में अनोखी विदाई: हेलीकॉप्टर से गई दुल्हन, लोग रह गए दंग!

Muzaffarnagar Helicopter Farewell Wedding

Muzaffarnagar में हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई, जानें कैसे मामा ने बनाई यह यादगार घटना!

गौरव चौटाला (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जनपद में हिंदू मुस्लिम एकता की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब एक हिंदू मामा ने अपनी मुंह बोली मुस्लिम भांजी की शादी में भात देकर रिश्तों की गरिमा निभाई। इतना ही नहीं, मामा राहुल ठाकुर ने भांजी की विदाई हेलीकॉप्टर से कराकर जनपद में चर्चा का विषय बना दिया।

भव्य शादी समारोह में हिंदू मुस्लिम एकता की झलक

Muzaffarnagar के छपार गांव निवासी डॉक्टर आसमा की शादी मेरठ जनपद के नानु गांव निवासी शादाब के साथ नगर के एक बैंकेट हॉल में धूमधाम से हुई। इस शादी में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे समाजिक सौहार्द की भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली।

Muzaffarnagar में मामा राहुल ठाकुर का अनोखा योगदान

दुल्हन आसमा के मुंह बोले मामा, गुनिया जुड़ी गांव निवासी राहुल ठाकुर ने शादी में भात देकर पारिवारिक रिश्तों की गरिमा को और भी मजबूत किया। लेकिन उन्होंने इससे भी आगे बढ़कर अपनी भांजी की विदाई हेलीकॉप्टर से कराई, जो इस क्षेत्र में एक अनोखी घटना बन गई।

Muzaffarnagar में हेलीकॉप्टर से विदाई: एक यादगार पल

हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस विशेष विदाई में लगभग 5 लाख रुपये का खर्च आया, जो मामा राहुल ठाकुर ने खुशी-खुशी वहन किया। दुल्हन आसमा और दूल्हा शादाब हेलीकॉप्टर में सवार होकर ससुराल पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

Muzaffarnagar Helicopter Farewell Wedding
Muzaffarnagar Helicopter Se Hui Vidaai – Hindu Muslim Ekta Ki Kahani

समाज में फैली सकारात्मक चर्चा

इस अनोखी विदाई ने न केवल परिवार बल्कि पूरे Muzaffarnagar के गांव में चर्चा का विषय बना दिया। लोगों ने इस घटना को समाजिक एकता और प्यार का प्रतीक मानते हुए इसकी सराहना की। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि हमारे समाज में हिंदू मुस्लिम एकता जीवित है और ऐसे आयोजनों से यह और भी मजबूत होती है।

Muzaffarnagar की यह अनोखी शादी केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं थी, बल्कि धर्म और समाज की सीमाओं से परे जाकर रिश्तों की सुंदरता और सामाजिक सौहार्द का एक जीवंत प्रमाण बन गई। एक हिंदू मामा द्वारा अपनी मुस्लिम भांजी की शादी में भात की रस्म निभाना और फिर हेलीकॉप्टर से विदाई कराना, यह दर्शाता है कि जब दिलों में अपनापन हो तो मजहब की दीवारें भी छोटी पड़ जाती हैं।

यह घटना न केवल Muzaffarnagar हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल बनी, बल्कि उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो आज भी धर्म के नाम पर बंटे हुए हैं। रिश्तों की इस सुंदर प्रस्तुति ने समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का काम किया है और यह संदेश दिया है कि एकता, प्रेम और सम्मान ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है।

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