Muzaffarnagar Me Sadko Par Shivsainik Kaha 'Mehandi Jihad' Nahi Hone Denge
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) (संवाददाता गौरव चौटाला) : करवा चौथ जैसे पारंपरिक पर्व पर जहां महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में इस बार एक अलग ही नजारा देखने को मिला। गुरुवार को शहर के प्रमुख बाजारों में क्रांति सेना और शिवसेना के कार्यकर्ता लठ और फूल लेकर घूमते हुए दिखे। इन कार्यकर्ताओं ने मेहंदी लगाने वाली दुकानों पर जाकर यह जांच की कि कहीं कोई “गैर समुदाय” का युवक हिंदू महिलाओं के हाथों में मेहंदी तो नहीं लगा रहा है।
इस दौरान धर्म के ठेकेदारों के इस अभियान ने शहर का माहौल गर्म कर दिया। कई जगहों पर भीड़ जमा हो गई और दुकानदारों ने भी एहतियातन अपने ग्राहकों को सावधानी बरतने की सलाह दी।

क्रांति सेना का ‘लठ पूजन’ और चेतावनी
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में इस घटना की पृष्ठभूमि बुधवार को हुई जब क्रांति सेना महिला मोर्चा ने अपने कार्यालय पर “लठ पूजन” का आयोजन किया था। इस आयोजन में महिला कार्यकर्ताओं ने घोषणा की थी कि यदि करवा चौथ के दिन किसी भी गैर समुदाय के युवक को हिंदू महिलाओं के हाथों में मेहंदी लगाते पाया गया, तो उसका “लठों से इलाज” किया जाएगा।
इस ऐलान के बाद गुरुवार को क्रांति सेना और शिवसेना के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। ये कार्यकर्ता दुकान-दुकान जाकर दुकानदारों और मेहंदी लगाने वालों से पूछताछ करते रहे। कई दुकानों पर उन्होंने खुद यह जांच की कि कौन मेहंदी लगा रहा है।
हालांकि, किसी भी दुकान पर मुस्लिम युवक मेहंदी लगाते नहीं मिले। लेकिन कुछ बुर्का पहने मुस्लिम युवतियां हिंदू महिलाओं के हाथों में मेहंदी लगाती नजर आईं। इस पर कार्यकर्ताओं ने उनसे कहा कि वे अगली बार हिंदू परिधान पहनकर मेहंदी लगाएं क्योंकि यह “हिंदुओं का त्योहार” है।

शिवसेना नेताओं के बयान और बाजार का माहौल
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) शिवसेना मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी और जिला अध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने भी इस अभियान का नेतृत्व किया। बिट्टू सिखेड़ा ने कहा, “यह पवित्र पर्व हमारी बहन-बेटियों का है। हमने बाजारों में भ्रमण कर देखा, कोई जिहादी युवक मेहंदी लगाते नहीं मिला। अगर कोई मिला होता तो शिवसेना अपने स्टाइल में इलाज करती।”
उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान हर साल करवा चौथ के अवसर पर चलाया जाएगा ताकि बाहरी समुदाय का कोई व्यक्ति हिंदू महिलाओं को स्पर्श न करे।
वहीं, लोकेश सैनी ने कहा, “जो मुस्लिम युवतियां सनातन धर्म को अपनाना चाहती हैं, उनका स्वागत है। लेकिन जो हमारी बहनों के हाथों में मेहंदी लगाना चाहती हैं, उन्हें हिंदू परिधान पहनकर ही यह काम करना चाहिए।”
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जिन दुकानदारों ने “उनकी मुहिम” का समर्थन किया, उन्हें फूल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत पड़ी, वहां “डंडा और झंडा” दोनों इस्तेमाल किए जाएंगे।

महिला मोर्चा ने भी जताया सख्त रुख
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से क्रांति सेना महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने कहा कि उनका अभियान सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने दोहराया, “हमने चेतावनी दी थी कि अगर कोई गैर समुदाय का युवक किसी हिंदू महिला के हाथ में मेहंदी लगाते मिला तो उसका इलाज लठों से करेंगे। आज हमें ऐसा कोई मामला नहीं मिला, लेकिन अभियान जारी रहेगा।”
पूनम चौधरी ने कहा कि यह कदम “हिंदू महिलाओं की मर्यादा और संस्कृति की रक्षा” के लिए उठाया गया है और आगे भी हर वर्ष करवा चौथ से पहले इस तरह की जांच की जाएगी।

प्रशासन की चुप्पी और सामाजिक प्रतिक्रिया
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में इस पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रशासनिक हस्तक्षेप की कोई खबर नहीं मिली। पुलिस मौके पर नहीं पहुंची और अब तक इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जानकारी नहीं आई है।
वहीं, स्थानीय लोगों के बीच इस अभियान को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे “धार्मिक भावना की रक्षा” बताया तो कईयों ने इसे “साम्प्रदायिक तनाव भड़काने वाला कदम” कहा।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि धार्मिक त्योहारों पर इस तरह के अभियान समाज में विभाजन की रेखा गहरी कर सकते हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर सतर्कता रखी जाए ताकि शहर का सौहार्द वातावरण बना रहे।
मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में करवा चौथ के दिन क्रांति सेना और शिवसेना का यह अभियान चर्चा का विषय बन गया। धर्म और परंपरा के नाम पर चलाया गया यह कदम जहां कुछ लोगों को उचित लगा, वहीं समाज के एक बड़े तबके ने इसे अनावश्यक और असंवेदनशील बताया। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह घटना त्योहारों के बीच बढ़ती धार्मिक सीमाओं पर एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा करती है।