Muzaffarnagar में मुस्लिम समाज का कैंडल मार्च, जानें इस आंदोलन के बारे में पूरी जानकारी।
गौरव चौटाला (संवाददाता): हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देशभर में गुस्से की लहर दौड़ा दी है। इस हमले में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों को नाम पूछकर गोली मारी, जिससे मुस्लिम समाज में भी नाराजगी का माहौल बन गया है। Muzaffarnagar जनपद में मुस्लिम समाज के लोगों ने पैगाम इंसानियत मुस्लिम सामाजिक संगठन के नेतृत्व में इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आतंकवादियों को सख्त सजा देने की मांग की।
Muzaffarnagar में मुस्लिम समाज का विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च
Muzaffarnagar में बुधवार शाम को मुस्लिम समाज के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने हाथों में तख्तियां और कैंडल लेकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध किया। इस दौरान उन्होंने मृतक लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम समाज की एकजुटता
Muzaffarnagar में आयोजित कैंडल मार्च ने यह सिद्ध किया कि मुस्लिम समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। लोगों ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और ये हमले पूरी दुनिया के लिए निंदनीय हैं। इस मार्च में शामिल लोगों ने आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को सख्त सजा देने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
आतंकवादियों की कड़ी सजा की मांग
कैंडल मार्च के दौरान गुस्साए मुस्लिम समाज के लोगों ने सरकार से कड़ी सजा की मांग की। उनका मानना था कि आतंकवादियों और उनके मददगारों को कुत्ते की मौत दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि वे इस घटना को लेकर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करें और दोषियों को सजा दिलवाएं।

मुस्लिम समाज का समर्थन आतंकवाद विरोधी अभियान में
आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम समाज हमेशा से संघर्ष करता रहा है और इस हमले के बाद भी उन्होंने अपने विरोध का इज़हार किया। मुस्लिम समाज ने यह संदेश दिया है कि वे आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं और किसी भी आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उनका यह मानना है कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है, ताकि इस प्रकार के हमले फिर से न हों।
जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों के बाद सरकार की जिम्मेदारी
जम्मू कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकवादी हमले देश के लिए बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। इस संदर्भ में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। Muzaffarnagar मुस्लिम समाज ने यह मांग की है कि आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि समाज में आतंकवाद के खिलाफ डर और घबराहट का माहौल समाप्त हो सके।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल देशभर को हिलाकर रख दिया, बल्कि मुस्लिम समाज में भी गुस्से और नाराजगी की लहर पैदा कर दी। इस हमले के खिलाफ Muzaffarnagar में आयोजित कैंडल मार्च ने यह साबित किया कि मुस्लिम समाज आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह एकजुट है। समाज ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और सरकार से यह अपेक्षाएं जताई हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
Muzaffarnagar इस विरोध प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इस प्रकार के हमले सभी समुदायों के लिए नुकसानदेह होते हैं। मुस्लिम समाज ने अपने विरोध के माध्यम से यह दिखाया कि वे आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं और इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ उनके भीतर गहरी नाराजगी और गुस्सा है।
आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम समाज का यह संघर्ष सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश है कि समाज में अमन-चैन और शांति बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए और समाज में आतंकवाद के खिलाफ डर और घबराहट का माहौल खत्म करे।