अखिलेश यादव का जातीय जनगणना पर दावा पूरी तरह से गलत, Om Prakash Rajbhar का बयान
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री Om Prakash Rajbhar ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। Om Prakash Rajbhar ने अखिलेश यादव के जातीय जनगणना को लेकर किए गए दावों को पूरी तरह से झूठा बताया है।
अखिलेश यादव का बयान, क्या है सच्चाई?
कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने हाल ही में दावा किया था कि जातीय जनगणना होने से 90 प्रतिशत आबादी को 100 प्रतिशत अधिकार मिलेगा। इस पर Om Prakash Rajbhar ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान पूरी तरह से गलत है। उनका कहना है कि जब अखिलेश यादव खुद जातिवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करते रहे हैं, तो अब उनका यह बयान विश्वास योग्य नहीं है।
सपा प्रमुख का मुख्यमंत्री कार्यकाल और जातिवाद
Om Prakash Rajbhar ने अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में जाति के आधार पर सरकारी सेवाओं में भर्ती की गई थी। उन्होंने विशेष रूप से पुलिस, ग्राम सेवक और लेखपाल जैसी सेवाओं का उदाहरण दिया, जहां जातिवाद का खेल खेला गया।
जातीय जनगणना पर Om Prakash Rajbhar का स्पष्ट दृष्टिकोण
Om Prakash Rajbhar ने जातीय जनगणना पर अपना स्पष्ट दृष्टिकोण व्यक्त किया। उनके अनुसार, इस मुद्दे पर सपा नेताओं का बयान सिर्फ एक राजनीतिक चाल है, जिसे सच्चाई से दूर रखा गया है। Om Prakash Rajbhar का कहना है कि यदि सपा का कार्यकाल सही होता तो जातिवाद को बढ़ावा नहीं मिलता।

राजभर का आरोप, सपा ने जातिवाद को बढ़ावा दिया
Om Prakash Rajbhar ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा जातिवाद को बढ़ावा दिया और अब वही पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में खड़ी हो गई है। उनका कहना है कि सपा के नेता यह भूल गए हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जातिवाद को बढ़ावा दिया था और अब उसी जातिवाद का विरोध कर रहे हैं।
क्या है जातीय जनगणना का वास्तविक उद्देश्य?
जातीय जनगणना का मुद्दा पिछले कुछ सालों से राजनीति का प्रमुख हिस्सा बन चुका है। हालांकि, इसके उद्देश्य को लेकर बहस जारी है। जहां कुछ राजनीतिक दल इसे समाज के कमजोर वर्गों को अधिकार देने का एक तरीका मानते हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक लाभ का एक जरिया मानते हैं।
सपा के दावों पर राजभर का तगड़ा हमला
Om Prakash Rajbhar ने अखिलेश यादव के जातीय जनगणना पर किए गए दावों पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यदि सपा सच में गरीबों के हक की बात कर रही है, तो उनके कार्यकाल में क्यों जातिवाद का प्रचार किया गया था। ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के जातीय जनगणना के दावों पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसे पूरी तरह से झूठा बताया है। उनके अनुसार, अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में जातिवाद को बढ़ावा दिया था।
और अब जातीय जनगणना के पक्ष में खड़ा होना केवल राजनीतिक चाल है। राजभर का मानना है कि जातीय जनगणना का मुद्दा सच्चाई से दूर और केवल वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रियाएँ स्पष्ट रूप से यह दर्शाती हैं कि वे सपा के नेताओं की राजनीति और उनके दावों को नकारते हैं। यह विवाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।
जहां जातिवाद और समाजिक न्याय जैसे मुद्दे चुनावी मंच पर प्रमुख बन सकते हैं। इस प्रकार, यह विवाद न केवल अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के बीच संघर्ष को उजागर करता है, बल्कि जातीय जनगणना के वास्तविक उद्देश्य और राजनीतिक उद्देश्यों के बीच के अंतर को भी सामने लाता है।