Ghazipur Court
गाजीपुर (संवाददाता पवन मिश्रा) : गाजीपुर (Ghazipur) जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहाँ पॉक्सो विशेष अदालत ने एक जघन्य अपराध के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने 8 वर्षीय मासूम बच्चे से अप्राकृतिक संबंध बनाने और उसकी हत्या करने के दोषी आरोपी को मृत्युदंड (फांसी) की सजा दी है। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्याय का क्षण है, बल्कि समाज के लिए एक सख्त संदेश भी है कि बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

19 फरवरी 2024 का दर्दनाक मामला: बच्चे की रेप के बाद हत्या
यह पूरा मामला गाजीपुर (Ghazipur) जिले के गहमर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। घटना 19 फरवरी 2024 की है, जब गांव का 8 वर्षीय मासूम बच्चा अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला।
जांच के दौरान गाजीपुर (Ghazipur) पुलिस को शक गांव के ही एक युवक संजय नट पर गया। पूछताछ में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई — आरोपी ने नाबालिग बच्चे के साथ अप्राकृतिक संबंध (सेक्स) बनाया और उसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपी ने बच्चे का शव प्लास्टिक की एक बोरी में भरकर अपने घर के एक बक्से में छिपा दिया। यह दृश्य जब पुलिस ने देखा, तो मौके पर मौजूद हर शख्स की रूह कांप उठी।
पुलिस की तत्परता और अभियोजन की मजबूत दलीलें
बच्चे के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी संजय नट को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के घर की तलाशी के दौरान बच्चे का शव बक्से से बरामद किया गया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
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आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध),
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धारा 302 (हत्या),
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और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एम), 5(जे) और उपधारा 4/6 के तहत आरोप तय किए गए।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में कुल 8 गवाहों को पेश किया। सभी गवाहों के बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना।
पॉक्सो कोर्ट का फैसला: आरोपी को मृत्युदंड
गाजीपुर (Ghazipur) के इस मामले की सुनवाई पॉक्सो विशेष न्यायाधीश रामावतार प्रसाद की अदालत में हुई। साक्ष्यों और गवाहों के परीक्षण के बाद न्यायालय ने आरोपी संजय नट को सभी आरोपों में दोषी पाया।
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि —
“आरोपी ने न केवल एक मासूम बच्चे के साथ जघन्य अपराध किया, बल्कि उसकी निर्मम हत्या कर समाज की आत्मा को झकझोर दिया है। ऐसा अपराध समाज में भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा करता है। ऐसे अपराधी को समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं।”
इसके बाद गाजीपुर (Ghazipur) अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा (मृत्युदंड) सुनाई।
14 साल बाद गाजीपुर में किसी आरोपी को मिली फांसी की सजा
यह मामला अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि गाजीपुर (Ghazipur) में 14 वर्षों के बाद किसी आरोपी को अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हुए लोगों ने कहा कि यह न्यायपालिका द्वारा अपराधियों को सख्त संदेश है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने अदालत के इस निर्णय को “न्याय की जीत” बताया। वहीं, पीड़ित परिवार ने कहा कि उनके बच्चे की आत्मा को अब शांति मिलेगी।
समाज के लिए संदेश: बच्चों के खिलाफ अपराध पर सख्त रुख
गाजीपुर (Ghazipur) की इस पॉक्सो अदालत का यह फैसला समाज के लिए एक मिसाल बन गया है। न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि बच्चों के साथ यौन शोषण और हत्या जैसे अपराधों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
यह फैसला उन सभी अपराधियों के लिए चेतावनी है जो मासूम बच्चों के साथ हैवानियत करने की सोच रखते हैं। पुलिस और अदालत की त्वरित कार्रवाई ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिया, बल्कि समाज के सामने न्यायिक प्रणाली की सख्ती का उदाहरण भी पेश किया।