राहुल राणा जीवनी: संघर्ष से सफलता तक की कहानी
Rahul Rana Biography in Hindi
पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्ष और साहसिक आवाज के रूप में पहचाने जाने वाले राहुल राणा का सफर प्रेरणादायक है। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे राहुल ने फोटोग्राफर के रूप में अपनी पत्रकारिता यात्रा शुरू की और आज वे न्यूज़ 80 चैनल के चेयरमैन हैं।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के शामली जिले से निकलकर, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और समाज के प्रति निष्ठा के बल पर पत्रकारिता जगत में अपना विशेष स्थान बनाया है। आइए जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की कहानी।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: राहुल राणा कौन हैं?
राहुल राणा का जन्म 1988 में उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कस्बा बनत में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। हरियाणा बॉर्डर से सटे और दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शामली में पले-बढ़े राहुल ने बचपन से ही समाज की वास्तविकताओं को करीब से देखा। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के कारण, उन्होंने किसानों और मजदूरों की समस्याओं को समझा, जिसने बाद में उनके पत्रकारिता के दृष्टिकोण को आकार दिया।
राहुल राणा का व्यक्तिगत जीवन
- जन्म: 1988, कस्बा बनत, शामली, उत्तर प्रदेश
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: साधारण किसान परिवार
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2009: प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की।
प्रारंभिक जीवन और पत्रकारिता की शुरुआत
राहुल राणा ने 2009 में पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की। उन्होंने मुज़फ्फरनगर से प्रकाशित होने वाले नयन जागृति, और संध्या टाइम्स अखबार नामक अखबार में फोटोग्राफर के रूप में काम शुरू किया। इसके बाद वे शामली जिले के प्रभारी बने और 2011 तक विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे।
अपने करियर के दौरान, राहुल राणा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। इनमें आजतक, टाइम्स नाऊ, न्यूज़ नेशन, न्यूज़ स्टेट उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख चैनल शामिल हैं। हर संस्थान में उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से सफलता हासिल की।
2011 में, जब मायावती सरकार ने शामली को जिला घोषित किया, राहुल ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ओर रुख किया। उन्होंने कई छोटे चैनलों में काम करके अनुभव प्राप्त किया और फिर न्यूज़ नेशन चैनल की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बने। यहीं से उनकी पहचान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बननी शुरू हुई।

समाजसेवा और पत्रकारिता में योगदान
- मुज़फ्फरनगर दंगे (2013): राहुल राणा ने इस दौरान दंगा पीड़ितों की आवाज़ को बुलंद किया। उन्होंने दंगा पीड़ितों की आवाज को बुलंद किया जो आश्रय के लिए इधर-उधर भटक रहे थे। उन्होंने उन नेताओं को बेनकाब किया जो दंगा पीड़ितों के नाम पर राजनीतिक लाभ उठा रहे थे। प्रशासन को कार्रवाई करने पर मजबूर किया।
- कैराना पलायन मुद्दा: अपनी सटीक रिपोर्टिंग के जरिए उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे को जनता तक पहुंचाया। राहुल राणा ने कैराना पलायन की असली सच्चाई को जनता के सामने लाया।
- कोरोना महामारी (2020): कोरोना काल में उन्होंने पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को उजागर किया और व्यक्तिगत स्तर पर भी मदद की।
2021: न्यूज़ 80 चैनल की स्थापना:-
नोएडा में करियर: 2019 में, राहुल राणा ने नोएडा का रुख किया, जहां उन्होंने एक नए चैनल के लॉन्च से पहले काम करना शुरू किया। अपने व्यावसायिक कौशल और मैनेजमेंट क्षमताओं से उन्होंने कंपनी के मालिकों का विश्वास जीता और महत्वपूर्ण प्रबंधन कार्यों को सफलतापूर्वक निभाया।
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, पारिवारिक स्थितियों के कारण राहुल राणा ने नोएडा छोड़ दिया और शामली लौट आए। वहां उन्होंने लगभग एक वर्ष तक हिंदी खबर चैनल में रिपोर्टर के रूप में काम किया।
फिर 2021, में राहुल राणा ने न्यूज़ 80 चैनल की नींव रखी। इसका उद्देश्य किसानों और मजदूरों की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाना था। पश्चिम यूपी में इस चैनल ने अपनी अलग पहचान बनाई। राहुल ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने और समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।
1. न्यूज़ 80: चुनौतियां और सफलता
राहुल राणा ने बिना किसी सरकारी सहयोग के न्यूज़ 80 को खड़ा किया। उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। आर्थिक साझेदारी के कई प्रस्ताव आए, लेकिन उन्होंने केवल उन्हीं लोगों को साथ लिया जो उनके मिशन के लिए उपयुक्त थे।
2. News 80: किसानों और मजदूरों की आवाज़
- किसानों और मजदूरों के मुद्दों को उठाया।
- युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयास किए।
- सरकारी नीतियों की आलोचना की, फिर भी अपने सिद्धांतों पर कायम रहे।
3. News 80: राहुल राणा का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं
- समाज में जागरूकता लाना।
- किसानों और मजदूरों की समस्याओं को प्रमुखता देना।
- युवाओं को रोजगार प्रदान करना।
राहुल राणा: युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा
राहुल राणा की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मीडिया में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो सच्चाई की राह पर चलकर भी सफलता हासिल की जा सकती है।
निष्कर्ष: राहुल राणा
राहुल राणा का जीवन संघर्ष, समर्पण और समाजसेवा का प्रतीक है। उनकी कहानी न केवल पत्रकारिता जगत बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखता है। न्यूज़ 80 चैनल उनके विज़न का प्रमाण है कि सही दिशा और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। Rahul Rana Biography Rahul Rana Biography