ब्यूरो रिपोर्टः भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे में आयोजित महापंचायत में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया। इस सभा को संबोधित करते हुए टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यदि सरकार किसानों के हितों की रक्षा नहीं करती है और एमएसपी को कानूनी रूप से लागू नहीं करती, तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
Rakesh Tikait ने किसानों के बीच से सरकार पर लगाए आरोप
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीन न बेचें और आंदोलन में भाग लेने के लिए कम से कम एक परिवार के सदस्य को तैयार करें। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक परिवार 10 दिन आंदोलन के लिए और 20 दिन खेती के लिए समर्पित करता है, तो उनकी जमीन सुरक्षित रह सकेगी। आगे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बिहार के किसानों की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि बिहार में किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है।
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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “पूरे देश में पॉपकॉर्न के लिए इस्तेमाल होने वाला मक्का बिहार में उगाया जाता है, लेकिन वहां के किसानों को सिर्फ 12-14 रुपये प्रति किलो का भाव मिलता है। आगे अपने बयान में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार की नीतियों पर भी कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की योजनाओं से मंडियों को खत्म करने का प्रयास हो रहा है। टिकैत ने कहा, योजना के तहत मंडी की जमीन को 99 साल के पट्टे पर 500 से 1,000 वर्ग मीटर के भूखंडों में बांटा जाएगा।
अगर ऐसा हुआ तो 10-15 साल में मंडियां खत्म हो जाएंगी, और किसानों को अपनी फसलों के उचित दाम मिलना और भी मुश्किल हो जाएगा।