ब्यूरो रिपोर्ट..दरअसल बता दे की प्रतिष्ठित उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। उन्होंने राष्ट्र सेवा के लिए जो कार्य किए उसे हमेशा देश याद रखेगा। स्वास्थ्य सेवा से लेकर छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करने तक राष्ट्र सेवा के लिए हमेशा रतन टाटा (Ratan Tata) आगे रहे। आइए पढ़ें कि रतन टाटा (Ratan Tata) की लीडरशिप में टाटा ग्रुप ने कैसे मुश्किल परिस्थितियों में देश सेवा की।

Ratan Tata का हुआ स्वर्गवास
दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा (Ratan Tata) नहीं रहे। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। रतन टाटा (Ratan Tata) ने न सिर्फ टाटा समूह को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाया बल्कि उन्होंने कई ऐसे ऐतिहासिक काम किए, जिसकी वजह से दुनिया उन्हें हमेशा याद रखेगी। देश के लिए उनका योगदान हमेशा एक नजीर रहेगा।

कोरोना महामारी के समय हमारा देश स्वास्थ्य संकटों से जूझ रहा था। उस समय टाटा समूह ने देश की मदद के लिए 1500 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया। टाटा ट्रस्ट के प्रवक्ता देवाशीष राय का कहना है कि सामान्य हालात में ट्रस्ट हर साल करीब 1200 करोड़ परमार्थ के लिए खर्च करता है।

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देश में हर आम आदमी की ख्वाहिश होती है कि उनके पास एक कार हो। आम आदमी के इस ख्वाब को पूरा करने के लिए साल 2008 में टाटा मोटर्स की ओर से नैनो कॉर लॉन्च किया गया। इस कार की कीमत करीब 1 लाख रखी गई।