सहारनपुर में बड़ा हादसा होते-होते टला, ट्रैक पर मची भगदड़, यात्री बाल-बाल बचे
शमीम अहमद (संवाददाता) सहारनपुर (उत्तर प्रदेश): मंगलवार को Saharanpur Railway Station पर एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया। पुराना रेलवे क्रॉसिंग पुल हटाते समय एक गंभीर चूक हो गई, जब वह सीधा रेलवे ट्रैक पर आ गिरा। यह हादसा उस समय हुआ जब दो भारी क्रेन की मदद से पुल को हटाने का कार्य चल रहा था। हादसे में हालांकि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन रेलवे ट्रैक को भारी क्षति पहुंची।
Saharanpur Railway Station हादसे की पूरी घटना
घटना सहारनपुर रेलवे स्टेशन (Saharanpur Railway Station) के प्लेटफॉर्म नंबर 4, 5 और 6 को जोड़ने वाले पुराने ओवरब्रिज को हटाते समय हुई। रेलवे प्रशासन ने इस कार्य के लिए पहले से ही ब्लॉक लिया हुआ था, ताकि यात्री सुविधाएं प्रभावित न हों। लेकिन जब पुल को हटाने का काम किया जा रहा था, तभी वह वजन के कारण असंतुलित होकर रेलवे ट्रैक पर जा गिरा।
इस दौरान:
-
ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (जिससे ट्रेनों को पावर मिलती है) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
-
पानी सप्लाई की पाइपलाइन भी टूट गई, जिससे ट्रेनों में पानी आपूर्ति बाधित हो गई।
-
प्लेटफॉर्म से रेलवे ट्रैक तक भारी मलबा फैल गया।
-
एक क्रेन हवा में असंतुलित होकर लहराने लगी, जिससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
रेलवे कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही यह हादसा हुआ, मौके पर मौजूद रेलवे कर्मचारी तुरंत सक्रिय हो गए। प्लेटफॉर्म को तत्काल खाली कराया गया और पुल को ट्रैक से हटाने का काम शुरू कर दिया गया। पूरे घटनाक्रम के दौरान यात्रियों की भीड़ जुट गई और लोग डर और चिंता में आ गए।
रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत:
-
मलबा हटाने के लिए विशेष टीम को बुलाया।
-
ट्रैक से पुल को हटाकर प्लेटफॉर्म किनारे रखा।
-
विद्युत आपूर्ति को बंद कर ट्रैक को सुरक्षित किया।
-
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।

डीआरएम और एडीआरएम का बयान
डीआरएम विनोद भाटिया ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और बताया कि,
“यह पुल पहले से ही निष्क्रिय था और नियोजित ब्लॉक में इसे हटाया जा रहा था। हादसे में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है और ट्रैक को जल्द ही क्लियर कर दिया गया है।”
वहीं, अंबाला एडीआरएम ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूरे मामले को हादसा मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी प्रक्रिया थी जो नियंत्रित तरीके से की जा रही थी। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों और मौजूद यात्रियों के अनुसार, अगर पुल गिरते समय कोई ट्रेन गुजर रही होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
एक घंटे तक ट्रैक बाधित, ट्रेनें रुकीं
हादसे के बाद ट्रैक एक घंटे तक पूरी तरह बाधित रहा। सहारनपुर स्टेशन से गुजरने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें कुछ प्लेटफॉर्म पर रुकी रहीं तो कुछ को अन्य ट्रैकों पर डायवर्ट किया गया। इससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
यात्रियों में डर और नाराजगी
घटना के दौरान वहां मौजूद यात्रियों में काफी डर और नाराजगी देखी गई। कई यात्रियों ने कहा कि ऐसे भारी-भरकम काम दिन में नहीं बल्कि रात के समय या स्टेशन खाली होने पर किए जाने चाहिए।
क्या कहता है यह हादसा?
यह घटना रेलवे की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। रेलवे जैसी संवेदनशील व्यवस्था में इस तरह की असावधानी से बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। भले ही इस बार कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह चेतावनी है कि आने वाले समय में ऐसे कार्यों को अत्यंत सावधानी और सुरक्षा मानकों के तहत किया जाए।
सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर हुआ यह हादसा एक चेतावनी है। रेलवे प्रशासन को इस प्रकार के कार्यों के लिए और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारी मशीनों और पुलों से जुड़े काम उच्च स्तर की निगरानी और सुरक्षा के साथ ही होने चाहिए।