Sambhal में शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन! 33 स्कूलों पर जुर्माना, जानिए पूरा मामला
महबूब अली (संवाददाता): Sambhal जिले में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने निजी स्कूलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 33 स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उन स्कूलों पर लगाया गया है जो छात्रों को निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाने के साथ-साथ विशेष दुकानों से किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अधिनियम के उल्लंघन के तहत की गई है।
निजी प्रकाशकों की किताबें छात्रों को थोपना – क्या है मामला?
Sambhal जिलाधिकारी ने बताया कि सीबीएसई और आईसीएसई से जुड़े स्कूलों की किताबों की जांच की गई, जिसमें सामने आया कि 33 स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें इस्तेमाल हो रही थीं। इसके अलावा, छात्रों को केवल विशिष्ट दुकानों से ही किताबें खरीदने का दबाव डाला जा रहा था। यह छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन था, क्योंकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत छात्रों को किताबें खरीदने का स्वतंत्र अधिकार होता है।
Sambhal जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई
Sambhal जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए 33 निजी स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उन्होंने इन स्कूलों को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर जुर्माना राशि जमा करें। यह कदम छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निजी स्कूल इस प्रकार के उल्लंघनों को बंद करें।
छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन – एक गंभीर मामला
निजी स्कूलों द्वारा छात्रों पर किताबें खरीदने के लिए दबाव डालना एक गंभीर उल्लंघन है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम छात्रों को यह स्वतंत्रता देता है कि वे किताबें कहीं से भी खरीद सकते हैं। हालांकि, कुछ स्कूलों ने छात्रों को केवल एक विशिष्ट दुकानदार से किताबें खरीदने के लिए बाध्य किया, जो न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन था, बल्कि यह व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को भी प्रभावित कर रहा था।

शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन – क्या करें निजी स्कूलों को?
Sambhal जिले में 33 निजी स्कूलों द्वारा इस प्रकार की प्रथा चलाना न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन था, बल्कि यह छात्रों और उनके परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव भी डाल रहा था। इस मुद्दे पर Sambhal प्रशासन ने सख्त कदम उठाया और यह आदेश दिया कि इस तरह की प्रथाओं को समाप्त किया जाए।
जिलाधिकारी ने दी सख्त चेतावनी
Sambhal जिलाधिकारी ने इस कार्रवाई को छात्रों के हित में बताया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी स्कूल इस तरह के गैरकानूनी कार्यों को न बढ़ावा दे। उनके अनुसार, यह कदम निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करने वाली प्रथाओं को समाप्त करने के लिए आवश्यक था।
आगामी कार्रवाई और शिक्षा सुधार
Sambhal जिले में इस प्रकार की घटनाओं के बाद प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे उल्लंघनों को जड़ से समाप्त किया जाएगा। इससे न केवल शिक्षा क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि छात्रों को किताबें खरीदने के लिए अपनी पसंद की स्वतंत्रता भी मिलेगी। Sambhal जिले में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया द्वारा 33 निजी स्कूलों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाना, शिक्षा के अधिकार की रक्षा और छात्रों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
Sambhal में निजी स्कूलों द्वारा छात्रों पर किताबें खरीदने के लिए विशेष दुकानों पर निर्भर करने का दबाव डालना न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन था, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन की कमी को भी दर्शाता था। जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि Sambhal प्रशासन इस तरह के उल्लंघनों को रोकने के लिए दृढ़ है और वह छात्रों के हितों की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
बता दे कि इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि निजी स्कूलों को छात्रों को अपनी पसंद की किताबें खरीदने का स्वतंत्रता देना होगा और इस प्रकार की प्रथाओं को तुरंत समाप्त करना होगा। इससे न केवल छात्रों के अधिकारों की रक्षा होगी, बल्कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित होगा।