Inder Preet Singh Josh (District Judge Shamli
शामली संवाददाता दीपक राठी उत्तर प्रदेश के शामली(Shamli) जिले में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने नया इतिहास रच दिया। इस लोक अदालत में एक ही दिन में रिकॉर्ड 1 लाख 60 हजार से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया गया। इनमें सबसे अधिक मामले एनआई एक्ट, सड़क यातायात चालान, बैंक ऋण, राजस्व विवाद और पारिवारिक वादों से जुड़े थे। जनपद शामली में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा एक साथ हुआ है, जिससे न केवल न्यायालय का बोझ कम हुआ बल्कि हजारों लोगों को राहत भी मिली।

कैसे हुआ आयोजन
13 सितंबर, शनिवार को शामली (Shamli) के जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। शामली(Shamli) जिले में यह लोक अदालत जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश के निर्देशन और मार्गदर्शन में संपन्न हुई। पूरे दिन न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और कर्मचारियों ने मिलकर लंबित मामलों के निपटारे पर काम किया।
शामली(Shamli) जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य अदालतों में वर्षों से लंबित मुकदमों को आपसी समझौते और सुलह के माध्यम से निस्तारित करना है। इससे न केवल पक्षकारों को शीघ्र न्याय मिलता है, बल्कि अदालतों पर भार भी कम होता है। शामली(Shamli) में आयोजित यह लोक अदालत इस मायने में ऐतिहासिक रही कि इतनी बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा पहले कभी नहीं हुआ था।
जिला जज का बयान
शामली (Shamli) के जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश ने बताया कि आज की लोक अदालत में करीब 6000 न्यायालय संबंधी मामले प्रस्तुत किए गए थे। इनमें से 95 प्रतिशत यानी लगभग 5700 मामलों का सफल निपटारा किया गया। इसके अतिरिक्त, एनआई एक्ट, परिवहन, बैंक ऋण और परिवार वादों से जुड़े लगभग दो लाख मामले लोक अदालत में रखे गए। इनमें से रिकॉर्ड 1 लाख 60 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया।
उन्होंने कहा, “आज की राष्ट्रीय लोक अदालत बेहद सफल रही है। इससे यह साबित होता है कि यदि न्यायपालिका और पक्षकार आपसी सहयोग से आगे आएं तो लंबित मुकदमों का समाधान बहुत तेजी से निकाला जा सकता है।”
पक्षकारों को मिली बड़ी राहत
शामली(Shamli) जिले में इतनी बड़ी संख्या में मुकदमों के निस्तारण से हजारों लोगों को वर्षों पुरानी कानूनी लड़ाइयों से छुटकारा मिला है। विशेषकर बैंक ऋण, ट्रैफिक चालान और पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों में लोगों को सबसे अधिक राहत मिली। पक्षकारों ने कहा कि लोक अदालत के जरिए उन्हें कम समय और कम खर्च में न्याय मिल गया।
एक पक्षकार ने कहा कि, “हमारे परिवार का मामला कई सालों से लंबित था। आज लोक अदालत में समझौते से हल निकल गया। हमें कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई।”
लोक अदालत का महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत पूरे देश में समय-समय पर आयोजित की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि लंबित मुकदमों का निपटारा समझौते और सुलह के आधार पर हो, जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट रहें। इस प्रक्रिया में न तो लंबे समय तक गवाही और बहस की जरूरत पड़ती है और न ही पक्षकारों को अधिक खर्च उठाना पड़ता है।
शामली(Shamli) में हुए रिकॉर्ड निस्तारण ने साबित कर दिया कि यदि न्यायपालिका, वकील और जनता एकजुट होकर प्रयास करें तो अदालतों का बोझ काफी हद तक कम किया जा सकता है।
भविष्य की योजनाएं
शामली(Shamli) जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश ने कहा कि आगे भी इसी तरह की लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा, ताकि और अधिक लंबित मामलों को समय पर सुलझाया जा सके। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और कर्मचारियों को इस सफलता का श्रेय दिया और जनता से अपील की कि वे लोक अदालत की इस व्यवस्था का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।