ब्यूरो रिपोर्टः उपचुनाव से पहले बिहार की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी ने अब यूपी में दस्तक दे दी है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की बढ़ती सक्रियता से सपा (SP) खेमे की परेशानी बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि इसका कारण यह है कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सपा (SP) को खासतौर पर निशाने पर रखे हुए हैं। ऐसा करते हुए उनकी निगाह दलित वोटों खासतौर पर पासी समुदाय पर है। बता दे कि पासियों का एक बड़ा हिस्सा हालिया लोकसभा चुनाव में साइकिल के साथ आता दिखा था।
SP खेमे की बढ सकती है परेशानी, ये है बड़ी वजह

ऐसे में एलजीपी अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ा सकती है। अब सपा (SP) काफी समय से अपने पीडीए अभियान पर जोर दे रही है। दरअसल इसमें भी डी यानी दलितों पर सबसे ज्यादा फोकस किए हुए है। सपा (SP) इस वोट बैंक को बसपा से छीनने में लगी है। लेकिन उसे यहां एक और दावेदार से जूझना पड़ेगा। एलजीपी यहां उत्तर प्रदेश में आहिस्ता-आहिस्ता पांव पसारने की कोशिश में है। पूर्वी व मध्य यूपी जहां पासी समुदाय की अच्छी खासी तादाद है।

उसकी निगाह 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले अगले महीने 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर है। पर एनडीए का घटक होने व भाजपा का सहयोगी दल होने के नाते उसे यहां कितनी सीटें दी जाएंगी यह आकलन अभी मुश्किल है। वैसे भी एलजीपी कोई भी चुनाव एनडीए में रहते हुए ही लड़ेगी। चिराग पासवान ने यूपी में अपनी पार्टी की सक्रियता बढ़ाते हुए हाल ही में कौशांबी में वंचित सम्मेलन किया।
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पासियों को लुभाने के अभियान के तहत उन्होंने कहा कि पासियों के अधिकार व सम्मान के लिए उनकी पार्टी हर लड़ाई लड़ने को तैयार है। आरक्षण व संविधान पर कोई खतरा नहीं है। सपा के दुष्प्रचार को समझने की जरूरत है। पार्टी अब अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर में गोरखपुर, प्रतापगढ़, बलिया व प्रयागराज समेत कई जिलों में इसी तरह के वंचित समाज सम्मेलन करेगी। इसमें पासी, पासवान समुदाय पर खास फोकस किया जा रहा है।