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UP Government : ग्राम पंचायतों के लिए यूपी सरकार की 2.10 लाख करोड़ की बड़ी मांग।

UP Government 2025 Rural Panchayat Funding Proposal

उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए मांगे 2.10 लाख करोड़ रुपये: जानिए गांवों को क्या मिलेगा इस बड़ी रकम से

लखनऊ, जून 2025 : UP Government ने ग्रामीण विकास को गति देने के लिए 16वें वित्त आयोग के समक्ष 2,10,100.85 करोड़ रुपये की बड़ी मांग पेश की है। यह प्रस्तावित धनराशि अगले पांच वर्षों के लिए है, जिसे राज्य सरकार ग्रामीण स्थानीय निकायों के सशक्तिकरण और आधारभूत संरचना के विकास में खर्च करना चाहती है। अगर यह मांग मंजूर होती है, तो प्रदेश के गांवों में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

क्यों ज़रूरी है इतनी बड़ी राशि?

पंचायती राज विभाग द्वारा दिए गए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों को अपने-अपने स्तर पर कई आवश्यक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है। इनमें पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, एएनएम सेंटर, सड़कें, नालियां, हैंडपंप, पशु चिकित्सालय, बीज केंद्र, तालाब और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का रखरखाव और मरम्मत शामिल है।

राज्य सरकार का कहना है कि अब तक मिलने वाली केंद्रीय वित्तीय सहायता इस बढ़ती ज़रूरत को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए अगली पांच वर्षीय योजना के लिए वित्त आयोग से बड़ी मांग की गई है ताकि गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

UP Government ग्राम पंचायत के विकास के लिए फंड मांग
गांवों को मिल सकता है विकास का तोहफा, यूपी ने वित्त आयोग से मांगे 2.10 लाख करोड़ रुपये

कैसे खर्च होगी यह रकम?

राज्य सरकार ने जो प्रस्ताव सौंपा है, उसमें इस भारी भरकम राशि को तीन मुख्य मदों में विभाजित किया गया है:

  1. मेंटेनेन्स (रखरखाव) के लिए – ₹39,104.48 करोड़
    पंचायत भवनों, सड़कों, नालियों, तालाबों, हैंडपंपों, सामुदायिक शौचालयों, स्कूलों और अन्य बुनियादी ढांचों की मरम्मत और देखरेख पर यह राशि खर्च की जाएगी।

  2. संचालन खर्च के लिए – ₹31,464.26 करोड़
    ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के प्रशासनिक संचालन, कर्मचारियों के वेतन, कार्यालय सामग्री और बिजली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह फंड निर्धारित किया गया है।

  3. संसाधनों के विकास के लिए – ₹1,39,532.11 करोड़
    इस राशि से नई सड़कें, नालियां, स्ट्रीट लाइटें, हाईमास्ट लाइटें, पंचायत भवन, आवासीय भवन, अमृत सरोवर, भूजल रिचार्ज प्रणाली और अन्य सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी निवेश किया जाएगा।

अब तक कितना मिला फंड?

15वें वित्त आयोग से उत्तर प्रदेश को वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक कुल 38,012 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इसमें हर वर्ष अलग-अलग राशि मिली है:

  • 2021-22 में ₹7,208 करोड़

  • 2022-23 में ₹7,466 करोड़

  • 2023-24 में ₹7,547 करोड़

  • 2024-25 में ₹7,994 करोड़

  • 2025-26 (अब तक) ₹7,797 करोड़

इसके अलावा राज्य वित्त आयोग की ओर से भी 43,673.78 करोड़ रुपये अब तक दिए जा चुके हैं।

मैनपावर पर सबसे ज्यादा खर्च

ग्राम पंचायतों को सबसे अधिक खर्च मैनपावर यानी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर करना पड़ता है। कई पंचायतें सीमित संसाधनों के चलते अपने कर्मचारियों को समय पर भुगतान भी नहीं कर पातीं। राज्य सरकार ने इस विषय को गंभीरता से उठाते हुए प्रस्ताव में यह भी मांग की है कि केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि को राज्य वित्त आयोग की तरह हर वर्ष बढ़ाया जाए, ताकि पंचायतें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो सकें।

क्या मिलेगा गांवों को?

अगर यह मांग पूरी होती है तो प्रदेश के गांवों को अगले पांच वर्षों में निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं मिलने की उम्मीद है:

  • पंचायत और आवासीय भवनों का निर्माण और मरम्मत

  • सामुदायिक शौचालयों और विद्यालयों का रखरखाव

  • आंगनबाड़ी केंद्र और एएनएम सेंटर का सशक्तिकरण

  • नए हैंडपंप, तालाब और अमृत सरोवर का निर्माण

  • सड़कों और नालियों का निर्माण व मरम्मत

  • स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट और हाईमास्ट लाइट की स्थापना

  • कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन सुनिश्चित करना

उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास ग्रामीण भारत को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो न केवल पंचायत व्यवस्था सशक्त होगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे करोड़ों लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और गांवों का विकास शहरी क्षेत्रों की तरह तेज़ी से हो सकेगा।

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