Uttar Pradesh में आयुष महाविद्यालयों की स्थापना: योगी सरकार का बड़ा कदम!
ब्यूरो रिपोर्टः Uttar Pradesh की योगी सरकार ने आयुष चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश के हर मंडल में एक इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय स्थापित किया जाए, जहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी सभी आयुष विधाओं की पढ़ाई और इलाज की सुविधा एक ही कैंपस में मिले. Uttar Pradesh सरकार ने आयुष विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए।
Uttar Pradesh में आयुष महाविद्यालयों की स्थापना
उन्होंने कहा कि हर आयुष संस्थान में योग और नेचुरोपैथी सेंटर भी अनिवार्य रूप से बनाए जाएं, ताकि लोग प्राकृतिक इलाज और स्वास्थ्य सुधार का लाभ उठा सकें, योगी सरकार ने आगे कहा कि, हर जिले में हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाए. यह केंद्र सरकारी या पीपीपी मॉडल पर खोले जा सकते हैं. बता दे कि आयुष पद्धतियों से इन केंद्रों में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
Uttar Pradesh की योगी सरकार ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य गुणवत्ता और समयसीमा के साथ पूरा किया जाए और पूरे Uttar Pradesh प्रदेश में चल रही निर्माणाधीन परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को आयुष क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए. और साथ ही निजी कॉलेजों और अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी और सुविधाओं की जांच कराई जाए ताकि शिक्षा और इलाज में कोई कमी न रहे।

स्थानीय विकास और रोजगार सृजन
आगे Uttar Pradesh की योगी सरकार ने यह भी कहा है कि आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति गंभीर बीमारियों के इलाज में बहुत उपयोगी है, इसलिए इसे सभी संस्थानों में बढ़ावा दिया जाए. योगी सरकार ने अधिकारियों से कहा कि 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं. दरअसल Uttar Pradesh के हर जिले, नगर निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर योग कार्यक्रम हों और इसके लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएं।
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय
आगे बयान देते हुए कहा है कि डाबर, वैद्यनाथ और पतंजलि जैसी कंपनियों से एमओयू करके सभी आयुष चिकित्सालयों में दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. दरअसल इससे मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा. उत्तर प्रदेश में इस समय 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक चिकित्सा संस्थान कार्यरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संस्थानों की निरंतर निगरानी की जाए।
और उनकी कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जाए. Uttar Pradesh सरकार का यह बड़ा फैसला देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। Uttar Pradesh की योगी सरकार का यह निर्णय आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार और गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालयों की स्थापना से न केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण
बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी। इससे प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति विश्वास बढ़ेगा। प्रदेश के हर मंडल में आयुष महाविद्यालय स्थापित होने से न केवल शिक्षा और उपचार की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस पहल से प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति बढ़ा हुआ विश्वास मिलेगा।
Uttar Pradesh की योगी सरकार का यह कदम न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में बल्कि प्रदेश के समग्र विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश आयुष चिकित्सा पद्धतियों में देशभर में एक प्रमुख स्थान बना सकेगा।