Uttar Pradesh में सौर ऊर्जा से न केवल बिजली बल्कि रोज़गार की भी बरसात होगी, जानिए पूरी योजना।
Uttar Pradesh सरकार ने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में एक नई पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य न केवल ऊर्जा संकट को दूर करना है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनसे प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
Uttar Pradesh में सोलर एनर्जी से ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर
बता दे कि Uttar Pradesh सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं। ‘पीएम सूर्यघर योजना’ के तहत प्रदेश सरकार ने अगले ढाई से तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का संकल्प किया है। अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक और 30 हजार घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा।
रोजगार सृजन और कौशल विकास
दरअसल सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से Uttar Pradesh में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। सरकार ने 60 हजार युवाओं को सोलर एनर्जी क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में रोजगार मिल सके। इसके अलावा, कई सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निवेश संबंधी प्रस्ताव प्रदेश सरकार को मिले हैं, जिससे हजारों लोगों को स्थायी रोजगार मिला है।

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में सोलर हब की स्थापना
Uttar Pradesh सरकार ने बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र को सोलर एनर्जी का हब बनाने की योजना बनाई है। इन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना से न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। उदाहरण के लिए, झांसी में 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई है, जिससे 300 लोगों को रोजगार मिला है।
स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया और हिंदुजा समूह के साथ समझौता
Uttar Pradesh सरकार ने स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया और हिंदुजा समूह के साथ एक मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है। इस समझौते के तहत इन कंपनियों के साथ मिलकर प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी, जिससे ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
पर्यावरण संरक्षण और सौर ऊर्जा
बता दे कि सौर ऊर्जा का उपयोग न केवल ऊर्जा संकट को दूर करने में सहायक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है, जिससे प्रदूषण स्तर में भी गिरावट आती है। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई हैं।
Uttar Pradesh सरकार की सौर ऊर्जा के क्षेत्र में की गई पहलें प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग से न केवल ऊर्जा संकट को दूर किया जा रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से प्रदेश में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है।
Uttar Pradesh सरकार की सौर ऊर्जा पहल न केवल राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोल रही है। बुंदेलखंड और विंध्य जैसे पिछड़े क्षेत्रों को सोलर हब के रूप में विकसित करने की योजना न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।
स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया और हिंदुजा समूह के साथ किया गया समझौता अंतरराष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है, दरअसल जिससे Uttar Pradesh को वैश्विक तकनीकी लाभ मिलेगा। योगी सरकार की यह नीति आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को हरित ऊर्जा (Green Energy) का मॉडल राज्य बना सकती है।