Mills face the crisis of 'no cane' (Shamli)
शामली संवाददाता ( दीपक राठी): गन्ना पेराई सत्र 2025–26 की शुरुआत के साथ ही शामली (Shamli) जिले की चीनी मिलों के सामने ‘नो केन (गन्ने की कमी)’ और तकनीकी दिक्कतों का संकट गहराने लगा है। जिले की दो प्रमुख चीनी मिलों — थानाभवन चीनी मिल और अपर दोआब (त्रिवेणी समूह) शामली मिल — में पेराई की रफ्तार पहले ही दिन उम्मीद से काफी धीमी रही।
जहां थानाभवन चीनी मिल ने पहले दिन लगभग 77 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई की, वहीं शामली चीनी मिल महज 20 हजार क्विंटल तक ही सीमित रह गई।

थानाभवन चीनी मिल में शुरू हुआ सत्र, 77 हजार क्विंटल की पेराई
शामली (Shamli) जिले की थानाभवन चीनी मिल ने 2 नवंबर को विधिवत पूजन-अर्चना के साथ अपना पेराई सत्र प्रारंभ किया था। लेकिन पर्याप्त गन्ना उपलब्ध न होने के कारण मिल नियमित संचालन 3 नवंबर से ही शुरू कर पाई।
मिल अधिकारियों के अनुसार, पहले दिन कुल 77,000 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई। गन्ने की आपूर्ति में अभी भी कमी बनी हुई है, जिसके कारण मिल को अपनी उत्पादन क्षमता के अनुरूप संचालन करने में कठिनाई हो रही है।
मिल प्रबंधन का कहना है कि जैसे-जैसे किसान गन्ना कटाई शुरू करेंगे, आपूर्ति में सुधार होगा और पेराई की रफ्तार तेज होगी।
शामली चीनी मिल (त्रिवेणी समूह) में तकनीकी खराबी से बाधित हुआ उत्पादन
शामली (Shamli) स्थित अपर दोआब चीनी मिल, जो कि त्रिवेणी समूह के अंतर्गत आती है, ने 3 नवंबर की दोपहर करीब तीन बजे से गन्ना पेराई सत्र शुरू किया। लेकिन शुरूआती घंटों में ही मिल को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा, जिसके चलते लगभग पांच घंटे तक उत्पादन ठप रहा।
शामली (Shamli) शुगर मिल के यूनिट हेड संजय शर्मा ने बताया कि पहले दिन केवल 20 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो सकी। उन्होंने कहा कि “मिल के शुरुआती चरण में एक ‘नो केन’ (नो शुगर केन सप्लाई) की समस्या और मशीनरी में तकनीकी खराबी आई थी, जिसे मंगलवार दोपहर तक ठीक कर लिया गया है। अब मिल सुचारु रूप से चल रही है।”
मिल प्रबंधन के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्पादन सामान्य हो जाएगा और गन्ना खरीद प्रक्रिया भी तेज होगी।
ऊन चीनी मिल की तैयारियां अंतिम चरण में, सात नवंबर से होगी शुरुआत
शामली (Shamli) जिले की तीसरी प्रमुख इकाई ऊन चीनी मिल की तैयारियां भी जोरों पर हैं। जिला गन्ना अधिकारी (DCO) रणजीत सिंह कुशवाहा ने बताया कि ऊन मिल का पेराई सत्र 7 नवंबर से शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मिल प्रशासन ने बुधवार को गन्ना इंडेंट जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है। किसानों को उनकी आपूर्ति शेड्यूल के अनुसार सूचना दी जाएगी।
डीसीओ ने कहा कि “गन्ना किसानों के हित में मिलों को समय से चलाना और भुगतान सुनिश्चित कराना प्राथमिकता है। विभाग लगातार निगरानी कर रहा है ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।”
किसानों में उम्मीद – जल्द पटरी पर आएगा पेराई सत्र
शामली (Shamli) जिले के गन्ना किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में सभी मिलें पूरी क्षमता से चलेंगी। किसानों का कहना है कि यदि मिलें सुचारु रूप से कार्य करें और गन्ना भुगतान समय पर मिले, तो यह सीजन पिछली बार से अधिक लाभकारी हो सकता है।
किसान नेता सुभाष चौधरी ने कहा कि “नो केन” की समस्या तभी खत्म होगी जब सभी मिलों को पर्याप्त गन्ना मिलेगा। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तौल केंद्रों पर किसानों को किसी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े।”
प्रशासन की सख्त निगरानी, भुगतान को लेकर सख्त निर्देश
डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाहा ने बताया कि शामली (Shamli) प्रशासन ने सभी चीनी मिलों को समयबद्ध गन्ना तौल और भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना तौल के 14 दिनों के भीतर भुगतान मिलना चाहिए, और इसके लिए विभागीय अधिकारी नियमित निरीक्षण करेंगे।