Prashasan Ki Naak NIche Chal Raha Avaidh Mitti Khanan (Hathras)
हाथरस (संवाददाता होमेश मिश्रा ) : उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले में अवैध खनन का कारोबार लगातार तेज़ी से फल-फूल रहा है। जिले में एक ईमानदार और सख्त District Magistrate (DM) होने के बावजूद भी खनन माफिया निर्भीक होकर मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। खासकर हाथरस जंक्शन क्षेत्र में दिन और रात मिट्टी कटान का काम खुलेआम जारी है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं।

प्रशासन की अनुमति के बिना चल रहा खनन—किसके आदेश पर?
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि हाथरस (Hathras) प्रशासन ने मिट्टी खनन की कोई अनुमति नहीं दी है, फिर भी दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली रोज़ाना अवैध रूप से खेतों और सरकारी भूमि से मिट्टी निकालकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि यह पूरा अवैध काम कुछ जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के संरक्षण में हो रहा है, यही कारण है कि माफियाओं के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही।
ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को शिकायतें दीं, लेकिन फिर भी खनन रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जब हाथरस (Hathras) जिले का प्रशासन ईमानदारी और सख्ती की बात करता है, तो फिर खनन माफियाओं का आतंक क्यों नहीं रुक रहा?
दिन-रात चल रहा भारी खनन; पर्यावरण को गंभीर खतरा
हाथरस (Hathras) जंक्शन के आसपास कई गांवों में बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टरों से मिट्टी की खुदाई दिन और रात जारी है। लगातार हो रहे इस खनन से—
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आसपास की जमीन कमजोर हो रही है
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खेतों के मेड़ कट रहे हैं
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पानी का स्तर नीचे जा रहा है
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सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसी तरह अवैध खनन जारी रहा, तो क्षेत्र में भूस्खलन और जमीन धंसने जैसी घटनाएँ भी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
शिकायतों के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं? ग्रामीणों का बड़ा सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी वे हाथरस (Hathras) प्रशासन से शिकायत करते हैं, अधिकारी सिर्फ “जांच कर रहे हैं” कहकर बात को टाल देते हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी न तो मशीनें जब्त हुईं, न ही किसी माफिया पर एफआईआर दर्ज की गई।
ग्रामीणों ने कहा:
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“रात के अंधेरे में 20–25 ट्रैक्टर एक साथ निकलते हैं, कोई रोकने वाला नहीं।”
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“अगर प्रशासन चाहता तो खनन 24 घंटे में रुक जाता, लेकिन संरक्षण मिलने के कारण यह कारोबार फल-फूल रहा है।”
इन आरोपों ने हाथरस (Hathras) प्रशासन की नीयत और कार्यशैली दोनों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिम्मेदार पकड़ से बाहर, माफिया बेखौफ
हाथरस (Hathras) जिले में यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि अवैध खनन पर रोक न लगने का कारण ऊपर तक पहुंच रखने वाले खनन माफिया हैं, जिन्हें राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि पुलिस और खनन विभाग कार्रवाई से बचते हुए दिखाई देते हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक, कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते खनन माफिया मोटी कमाई कर रहे हैं, जबकि सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
अब देखना होगा कि प्रशासन क्या करता है कार्रवाई
हाथरस (Hathras) में तेजी से बढ़ रहे अवैध खनन को लेकर लोग सोशल मीडिया से लेकर प्रशासनिक बैठकों तक आवाज उठा रहे हैं। जनता की यह भी मांग है कि—
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रात में खनन रोकने के लिए गश्त बढ़ाई जाए
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अवैध ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त हों
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दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए
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खनन माफियाओं पर कठोर धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए
अब हाथरस (Hathras) जिले की जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इन आरोपों और शिकायतों पर क्या ठोस कदम उठाता है, या फिर अवैध खनन का यह कारोबार इसी तरह चलता रहेगा।