Baghpat Ke Shamshan Se Gayab Ho Rahi Asthiya
बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) जिले के हिम्मतपुर सुजती गाँव में पिछले आठ महीने से एक रहस्यमयी घटना लगातार घटित हो रही है। यहाँ श्मशान घाट पर जलाए गए चिताओं से अस्थियां गायब हो रही हैं। इस घटना ने गाँव में सनसनी फैला दी है और लोग रातभर जागकर अस्थियों की रखवाली करने लगे हैं। घटना का असर ग्रामीणों की धार्मिक आस्था और सामाजिक चेतना पर भी पड़ रहा है।
बागपत (Baghpat) के ग्रामीणों का कहना है कि चिता के पास अक्सर दो उपले और एक जला हुआ दीया पड़ा मिलता है। इस घटना को लेकर गाँव में तरह-तरह की चर्चाएँ हैं। कुछ लोग इसे तांत्रिक क्रिया का नतीजा मानते हैं तो कुछ इसे भूत-प्रेत का काम बताते हैं। इस रहस्यमयी घटना ने गाँव में भय का वातावरण पैदा कर दिया है।

आठ महीने से जारी रहस्य — मृतक की अस्थियां चिता से गायब
बागपत (Baghpat) जिले के ग्रामीण बताते हैं कि यह सिलसिला लगभग आठ महीने से जारी है। इस दौरान दो बार इस तरह की घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन इस बार मामला गंभीर रूप ले चुका है। सबसे हाल की घटना शुक्रवार को सुबह लगभग दस बजे हुई, जब गाँव के रहने वाले जितेंद्र (47) पुत्र धर्मवीर का अंतिम संस्कार हिम्मतपुर सुजती गाँव के श्मशान घाट पर किया गया।
परिवार और रिश्तेदार अंतिम संस्कार के बाद घर लौट गए। लेकिन रात करीब दस बजे जब परिजन पुनः श्मशान घाट पहुँचे तो वे दंग रह गए। चिता अस्त-व्यस्त थी और मृतक की अस्थियां गायब थीं। चिता के पास जला हुआ दीया और दो उपले पड़े थे। इस नजारे ने परिजनों और ग्रामीणों को भयभीत कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही गाँव के लोग घटनास्थल पर पहुँच गए और रातभर श्मशान घाट पर पहरा दिया। बागपत (Baghpat) के ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। तीन महीने पहले भी एक महिला और एक युवक की अस्थियां इसी तरह गायब हो चुकी थीं। इस बार लगातार इस तरह की घटनाओं ने ग्रामीणों में भय और असमंजस पैदा कर दिया है।
ग्रामीणों में भय और प्रशासन की नाकामी — धार्मिक आस्था पर असर
बागपत (Baghpat) जिले के हिम्मतपुर सूजती गाँव के लोग इस घटना को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ इसे तांत्रिक कार्य का परिणाम मानते हैं तो कुछ इसे भूत-प्रेत का खेल बताते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद जब वे अस्थियां लेने जाते हैं तो चिता में अस्थियां मौजूद नहीं होतीं। इसके साथ चिता के पास दो उपले और एक जला हुआ दीया मिलता है।
बागपत (Baghpat) की इस रहस्यमयी घटना ने गाँव में न केवल भय पैदा किया है बल्कि धार्मिक और सामाजिक सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कई ग्रामीण अब रात में चिता की रखवाली करने लगे हैं। उनका कहना है कि इस घटना से उनका धार्मिक विश्वास प्रभावित हो रहा है और वे अस्थियों को सही तरीके से विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं।
ग्रामीण प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और इस रहस्यमयी घटना की गहन जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं निकला तो यह घटना धार्मिक और सामाजिक संकट का रूप ले सकती है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह घटना उनके विश्वास और संस्कृति पर चोट कर रही है। गाँव में अब लोग अंतिम संस्कार के बाद भी शांति से चिता विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं।
बागपत (Baghpat) के हिम्मतपुर सुजती गाँव में चिता से अस्थियां गायब होने की यह घटना एक गंभीर सामाजिक और धार्मिक चुनौती बन गई है। आठ महीने से चली आ रही इस रहस्यमयी घटना का यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यह न केवल ग्रामीणों के विश्वास को प्रभावित करेगी बल्कि गाँव में भय और अंधविश्वास और बढ़ेगा। ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए, ताकि गाँव में शांति और धार्मिक आस्था बनी रहे।