बुलंदशहर में बकरीद का जश्न! खुर्जा की सड़कों पर आस्था की लहर, प्रशासन अलर्ट
बुलंदशहर, 7 जून 2025 हिना अहमद (संवाददाता) : आज पूरे देशभर में Bakrid Eid-ul-Adha का त्योहार पारंपरिक श्रद्धा, उत्साह और आपसी सौहार्द के साथ मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा क्षेत्र में भी इस अवसर पर भारी संख्या में नमाजी ईदगाह पहुंचे और विशेष नमाज अदा की।
सुबह से ही खुर्जा की गलियों में रौनक देखने को मिली। सफेद कुर्ता-पायजामा, टोपी और दुआओं के साथ हजारों की संख्या में लोग ईदगाह पहुंचे। नमाज के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी गई और अमन-चैन की दुआ मांगी गई।
बुलंदशहर जिले में कुल 155 ईदगाह और 590 मस्जिदें हैं, जहां पर आज ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। हर नमाज स्थल पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे।

प्रशासन की सतर्कता, ड्रोन से निगरानी
जिला प्रशासन ने त्योहार को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की थी। एडीएम, एसपी देहात, एसडीएम, सीओ समेत भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी की तैनाती की गई थी।
पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरों की मदद से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जा रही थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की मौजूदगी नजर आई और जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई थी ताकि किसी तरह की अफवाह या अप्रिय घटना से बचा जा सके।
Bakrid Eid-ul-Adha नमाज के बाद भाईचारे का संदेश
ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम धर्म में कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। नमाज अदा करने के बाद लोगों ने परंपरागत रूप से कुर्बानी दी और जरूरतमंदों में मांस का वितरण किया।
धार्मिक गुरुओं और समाजसेवियों ने इस मौके पर आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इमामों ने नमाज के बाद अपने खुत्बे (उपदेश) में बताया कि ईद-उल-अजहा त्याग और समर्पण की भावना का पर्व है और हमें इस दिन गरीबों, बेसहारों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
प्रशासन और पुलिस की अपील
एसपी देहात ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया की भी निगरानी की जा रही है, और किसी भी प्रकार की भड़काऊ पोस्ट या मैसेज पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम खुर्जा ने कहा, “हमने पूरे क्षेत्र को सेक्टर और जोन में बांट कर पुलिस बल की तैनाती की है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है। ड्रोन से भीड़भाड़ वाले इलाकों की लगातार निगरानी की जा रही है।”
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
ईद के मौके पर हिंदू और अन्य समुदाय के लोग भी अपने मुस्लिम दोस्तों और पड़ोसियों को बधाई देने पहुंचे। जगह-जगह सामूहिक भोज और मिलन समारोहों का आयोजन किया गया, जिससे आपसी एकता और भाईचारे की भावना को और बल मिला।
बुलंदशहर में एकता और शांति की मिसाल कायम करते हुए विभिन्न समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर त्योहार की खुशियां बांटीं।
बुलंदशहर में ईद-उल-अजहा का त्योहार पूरी गरिमा, श्रद्धा और शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। प्रशासन और पुलिस की सतर्कता, लोगों की जागरूकता और आपसी सहयोग से यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
प्रशासन, पुलिस और आमजन के साझा प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया कि त्योहार केवल रस्म अदायगी न बनकर सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का पैगाम बन जाए। यही भारत की असली ताकत है – “विविधता में एकता।”