Bijnor Police Dwara Ludhiana Se Baramad Kanak Aur Firdos
बिजनौर (संवाददाता महेंद्र सिंह) : बिजनौर (Bijnor) कोतवाली शहर क्षेत्र की दो छात्राएँ—नौवीं की कनक और इंटरमीडिएट की फिरदौस—जो 15 नवंबर को रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थीं, उन्हें 23 दिन बाद पुलिस ने पंजाब के लुधियाना से सुरक्षित बरामद कर लिया है। घटना के बाद से परिजनों में फैली बेचैनी और दहशत अब कम हुई है। मंगलवार को पुलिस की टीम दोनों छात्राओं को बिजनौर लेकर पहुँची और आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें फिलहाल वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।

स्कूल के लिए निकलीं, लेकिन लौटी नहीं — बढ़ गई थी चिंता
15 नवंबर की सुबह बिजनौर (Bijnor) की दोनों छात्राएँ रोज़ की तरह स्कूल जाने के लिए घर से निकली थीं, लेकिन शाम तक न लौटने पर परिजनों को कुछ अनहोनी का अंदेशा हुआ। खोजबीन के बाद भी छात्राओं का कोई सुराग न मिलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मामला क्षेत्र में हड़कंप पैदा कर गया और सोशल मीडिया पर दोनों की गुमशुदगी की खबर तेजी से वायरल होने लगी।
परिवारजन पूरी तरह सदमे में थे। कनक के परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में होशियार थी और कभी घर से बाहर नहीं जाती थी। वहीं फिरदौस के परिवार ने बताया कि बेटी पर शादी का दबाव था, जिससे वह तनाव में थी। दोनों छात्राएँ कैसे और क्यों घर से निकलीं, यह सबसे बड़ा सवाल बन गया था।
एसपी के निर्देश पर बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन
गुमशुदगी को गंभीरता से लेते हुए एसपी बिजनौर (Bijnor) ने विशेष टीम गठित करते हुए व्यापक खोज अभियान शुरू कराया।
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सहारनपुर से बांद्रा तक 67 रेलवे स्टेशनों पर पुलिस टीमें तैनात की गईं।
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सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
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ट्रेनों, बसों और संभावित ठिकानों पर लगातार नजर रखी गई।
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साइबर सेल की मदद से मोबाइल लोकेशन और डिजिटल ट्रेल की जांच की गई।
लगातार प्रयासों के बाद पुलिस को अहम सुराग मिला कि दोनों लड़कियाँ दिल्ली होते हुए पंजाब की ओर गई हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने पंजाब में सक्रिय होकर उनका पीछा किया।
लुधियाना में किराए पर रह रहीं थीं छात्राएँ
बिजनौर (Bijnor) पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों छात्राएँ अपनी निजी वजहों से घर छोड़कर गई थीं। शुरुआती पूछताछ में सामने आया—
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कनक घर में पाबंदियों से परेशान थी।
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फिरदौस पर शादी का दबाव था, जिससे वह मानसिक रूप से तनाव में थी।
दोनों घर से निकलकर कई शहरों में घूमती रहीं और अंततः लुधियाना में एक कमरे पर किराए से रहने लगीं।
यहाँ वे अस्थायी तौर पर छोटे-मोटे काम की तलाश कर रही थीं। पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बरामद किया और अपने साथ बिजनौर (Bijnor) ले आई।
वन स्टॉप सेंटर में काउंसलिंग जारी
बिजनौर (Bijnor) की इन छात्राओं की उम्र और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने उन्हें वन स्टॉप सेंटर भेजा है, जहां उनकी मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, मेडिकल जांच और विस्तृत बयान की प्रक्रिया हो रही है। इसके बाद ही अगले कदम तय किए जाएंगे।
परिजनों में खुशी, पुलिस की कार्यवाही की सराहना
जैसे ही परिजनों को बेटियों के मिलने की खबर मिली, घर में खुशी की लहर दौड़ गई। परिवारों ने बिजनौर (Bijnor) पुलिस टीम का आभार जताते हुए कहा कि—
“23 दिन एक-एक पल भारी थे। हमें डर था कि न जाने क्या हो गया होगा। पुलिस ने लगातार हमारी मदद की और आज हमारी बेटियाँ सकुशल वापस हैं।”
पुलिस अधीक्षक बिजनौर (Bijnor) ने बताया कि मामला संवेदनशील था, इसलिए बिना किसी शोर-शराबे, तकनीकी मदद और टीमवर्क से लड़कियों को खोजा गया।