ramkishan garg
बुलंदशहर (Bulandshahr) के गुलावठी कस्बे से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। 70 वर्षीय राम किशन गर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी बीना देवी और बेटे मुकेश गर्ग ने उन्हें कागज़ों में मृत घोषित कर उनकी संपत्ति हड़पने की कोशिश की।
Bulandshahr के निवासी राम किशन का कहना है कि पिछले 35 सालों से पत्नी और बेटा उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। पत्नी खुद को विधवा बताकर लोगों से सहानुभूति बटोर रही है, जबकि बेटा उनकी देखभाल करने के बजाय घर का सामान तक लूट चुका है।

भूख और असुरक्षा में जी रहे हैं राम किशन
Bulandshahr के गुलावठी कस्बे से पीड़ित बुज़ुर्ग ने बताया कि बेटे ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया और कई दिनों तक भूखा रहना पड़ा। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होने लगा। उनका आरोप है कि बेटे और पत्नी द्वारा रची गई साजिश में कभी भी उनकी हत्या कर संपत्ति पर पूरी तरह कब्जा किया जा सकता है।
राम किशन गर्ग ने कहा कि उन्होंने न्याय पाने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है, लेकिन पारिवारिक विश्वासघात ने उनका जीवन नरक बना दिया है।
समाज और व्यवस्था पर गंभीर सवाल
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं है। यह उन सवालों को भी उठाता है कि बुज़ुर्गों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए समाज और प्रशासन कितने सजग हैं। उम्र के इस पड़ाव पर जहां इंसान को सहारे और सम्मान की जरूरत होती है, वहीं संपत्ति के लालच ने रिश्तों की बुनियाद को हिला दिया है।
राम किशन गर्ग की आपबीती उन तमाम बुज़ुर्गों की स्थिति को भी उजागर करती है जो परिवार की प्रताड़ना और लापरवाही का शिकार बनते हैं। यह घटना सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी व्यवस्था ऐसे पीड़ितों को समय पर सुरक्षा और न्याय दिला पा रही है।