Bulandshahr Me Bharatiya Kisan Union (Apolitical) Ne Panchyat Me Kiya Bada Ailaan
बुलंदशहर संवाददाता हिना अहमद बुलंदशहर (Bulandshahr) जिले में सरकारी दफ्तरों में बढ़ते भ्रष्टाचार और किसान-मजदूरों के शोषण को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को संगठन की मासिक पंचायत बुलंदशहर (Bulandshahr) स्थित राजे बाबू पार्क में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता बाबा बजरंगबली ने की और संचालन युवा जिला अध्यक्ष ठाकुर शैलेंद्र आर्य ने किया। पंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

पंचायत में नेताओं के तीखे आरोप
बुलंदशहर (Bulandshahr) पंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी मंगाराम त्यागी ने कहा कि जनपद में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। किसान और मजदूर थानों से लेकर कचहरी तक शोषण का शिकार हो रहे हैं। बिना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा, चाहे वह बिजली कनेक्शन लेना हो या जमीन से जुड़े कागजात। उन्होंने कहा कि अब किसान चुप नहीं बैठेगा और आंदोलन के जरिए अपनी ताकत दिखाएगा।
बुलंदशहर (Bulandshahr) पंचायत में जिला अध्यक्ष ठाकुर लोकेश राघव ने भी प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब किसान अपने हक की लड़ाई लड़ने दफ्तरों में जाता है तो वहां अधिकारी और कर्मचारी उनसे घूस मांगते हैं। किसान अगर पैसे नहीं देता तो उसका काम अटका दिया जाता है। उन्होंने कहा,
“सरकारी दफ्तर भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। किसान और मजदूर का शोषण अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
बिजली विभाग पर सबसे ज्यादा निशाना
बुलंदशहर (Bulandshahr) पंचायत में युवा जिला अध्यक्ष ठाकुर शैलेंद्र आर्य ने बिजली विभाग को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विभाग में ठेकेदार और माफिया सक्रिय हैं। जब तक ठेकेदार किसी किसान को अपने साथ लेकर न जाए, अधिकारियों द्वारा उसका काम नहीं किया जाता। ठेकेदार खुलेआम किसानों से पैसे मांगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली चोरी के नाम पर छापेमारी की जाती है और गरीबों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी जाती है, जबकि बड़े रसूखदार लोग सौदेबाजी करके बच निकलते हैं।
उन्होंने कहा कि यह दोहरी व्यवस्था गरीब किसानों के साथ सीधा अन्याय है और संगठन इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
ट्रैक्टर मार्च की चेतावनी
पंचायत में संगठन के जिला प्रभारी धर्मवीर उर्फ गुड्डू प्रधान ने साफ चेतावनी दी कि बहुत जल्द बुलंदशहर में एक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। यह रैली सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचेगी और वहां पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी क्योंकि संगठन ने कई बार किसानों की समस्याओं को उठाया लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा,
“अब किसान सड़कों पर उतरने को तैयार है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई निर्णायक होगी। प्रशासन को किसानों की ताकत का अंदाजा ट्रैक्टर मार्च में हो जाएगा।”
ज्ञापन न सौंपने पर नाराजगी
गौरतलब है कि पंचायत में किसानों ने तय किया था कि उनकी समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। लेकिन इस बार संगठन ने ज्ञापन नहीं दिया। नेताओं ने कहा कि अब वे ज्ञापन और औपचारिकताओं में समय बर्बाद नहीं करेंगे, बल्कि सीधे कार्रवाई करेंगे। यही वजह है कि उन्होंने ट्रैक्टर मार्च और कलेक्ट्रेट घेराव का ऐलान किया।
किसानों का गुस्सा और संकल्प
बुलंदशहर (Bulandshahr) पंचायत में मौजूद किसानों और मजदूरों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। कई किसानों ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार की वजह से उन्हें बार-बार अपमान सहना पड़ता है। गरीब किसान की शिकायत दर्ज नहीं होती, लेकिन पैसे वालों और दबंगों के काम आसानी से हो जाते हैं।
किसानों ने एकजुट होकर संकल्प लिया कि आने वाले आंदोलन में वह बड़ी संख्या में शामिल होंगे और बुलंदशहर की सड़कों पर अपनी ताकत दिखाएंगे।
बुलंदशहर में हुई भाकियू अराजनैतिक की यह पंचायत साफ संकेत दे रही है कि जिले में भ्रष्टाचार को लेकर किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। नेताओं के तीखे बयानों और ट्रैक्टर मार्च की चेतावनी से साफ है कि आने वाले दिनों में बुलंदशहर का माहौल गर्म हो सकता है। यदि प्रशासन ने किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है और शासन-प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है।