Bulandshahr Me Police Ne Chalaya Checking Abhiyaan Aur Vahano Se Jaati-Suchak Shabd Bhi Hatwaye
बुलंदशहर संवाददाता हिना अहमद बुलंदशहर (Bulandshahr) पुलिस ने सड़क पर बढ़ते जातिसूचक वाहनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बुलंदशहर (Bulandshahr) जिले में मंगलवार को चलाए गए इस अभियान में उन सभी वाहनों पर शिकंजा कसा गया जिन पर जाट, ठाकुर, राजपूत, मुस्लिम या अन्य जातिसूचक नाम लिखे गए थे। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कई वाहनों का 2,000 से 6,000 रुपये तक का चालान किया और गाड़ियों पर लिखे जाति संबंधी स्टिकर्स को मौके पर ही मिटा दिया।

कानून तोड़ने वालों पर सीधी कार्रवाई
बुलंदशहर (Bulandshahr) कोतवाली क्षेत्र में चलाए गए इस विशेष अभियान की कमान इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने संभाली। बुलंदशहर (Bulandshahr) पुलिस ने अलग-अलग चौराहों पर वाहनों की चेकिंग की और नियम तोड़ने वालों को मौके पर ही दंडित किया। अधिकारियों का कहना है कि जाति लिखकर गाड़ियों को चलाना न सिर्फ मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है बल्कि यह समाज में जातिगत भेदभाव की भावना को भी बढ़ावा देता है।
किन-किन जगहों पर चला अभियान
यह विशेष अभियान भूड़ चौराहा, काला आम चौराहा, स्याना अड्डा और वलीपुरा नहर के पास चलाया गया। इन स्थानों पर अक्सर बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं और यहां चेकिंग से अभियान का असर भी साफ दिखाई दिया। पुलिस टीम ने सख्ती दिखाते हुए मौके पर ही गाड़ियों से लिखी जातियों को इरेज किया और वाहन चालकों को चेतावनी दी कि दोबारा इस तरह की गलती पाए जाने पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्टिकर्स हुए इरेज, वाहन चालक रहे सकते
कार्रवाई के दौरान बुलंदशहर (Bulandshahr) पुलिस ने सिर्फ चालान काटने तक ही खुद को सीमित नहीं रखा बल्कि वाहनों पर लगे जातिसूचक नाम और स्टिकर्स को मौके पर ही इरेज किया। कई वाहन चालकों ने जब जुर्माना भरते हुए अपनी गाड़ियों से जातिसूचक शब्द मिटवाए तो मौके पर खड़े अन्य वाहन चालकों को भी सबक मिला। इस दौरान पुलिस ने ड्राइवरों से अपील की कि वे अपने वाहनों पर इस तरह की गलत परंपरा को बढ़ावा न दें।
पुलिस का सख्त संदेश
बुलंदशहर (Bulandshahr) इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। “किसी भी वाहन पर अगर जाति सूचक शब्द या स्टिकर लिखा पाया गया तो पुलिस बिना किसी ढिलाई के चालान काटेगी और कानूनी कार्रवाई करेगी। यह न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है बल्कि समाज में गलत संदेश भी देता है। पुलिस का लक्ष्य सभी नागरिकों को कानून का समान रूप से पालन करने के लिए प्रेरित करना है।”
सामाजिक दृष्टिकोण से अहम कदम
विशेषज्ञ मानते हैं कि गाड़ियों पर जाति लिखने की प्रथा लंबे समय से जारी है, लेकिन इससे सामाजिक स्तर पर विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। प्रशासन का यह कदम जातिगत भेदभाव को रोकने और सड़क पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक अहम पहल है। लोगों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई समाज में सकारात्मक संदेश देगी और आगे इस तरह की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी।
अभियान का असर और आगे की रणनीति
बुलंदशहर (Bulandshahr) पुलिस ने साफ किया है कि यह अभियान सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में भी जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में इसी तरह की चेकिंग अभियान चलाए जाएंगे। पुलिस ने वाहन मालिकों को स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया तो उन्हें आर्थिक दंड भुगतना पड़ेगा और गाड़ी से जातिसूचक नाम भी हटवाना पड़ेगा।
बुलंदशहर (Bulandshahr) पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। जाति लिखकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ चालान और स्टिकर्स हटाने का यह कदम न सिर्फ सड़क पर अनुशासन कायम करने के लिए जरूरी है बल्कि समाज में बराबरी और सौहार्द का संदेश देने के लिए भी अहम है।