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बिजनौर में Guldar पकड़ा गया, वन विभाग ने जांच के लिए पिंजरे में किया बंद

Guldar Rescue Inampura Village Bijnor Forest Department Caged

बिजनौर के इनमपुरा गांव में Guldar पकड़ा गया, वन विभाग ने लिया कड़ा कदम!

महेंद्र ढांका (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के थाना मंडावर के इनमपुरा गांव में एक बड़ी घटना सामने आई, जिसमें ग्रामीणों ने एक Guldar को आम के बाग में पकड़ा और उसके पैरों को बांधकर एक फार्म हाउस में बंद कर दिया। इस घटना की जानकारी वन विभाग को मिली, जिसके बाद तत्काल उनकी टीम मौके पर पहुंची और गुलदार को पिंजरे में बंद कर लिया। अब वन विभाग ने गुलदार के मेडिकल परीक्षण का फैसला लिया है।

इनमपुरा गांव में Guldar का पकड़ा जाना, वन विभाग की जांच जारी

दरअसल यह घटना इनमपुरा गांव के आम बाग की है, जहां ग्रामीणों ने गुलदार को देखा और उसे पकड़ने की योजना बनाई। Guldar को पकड़कर फार्म हाउस में बंद किया गया, जिसके बाद वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। वन विभाग ने गुलदार को पिंजरे में बंद किया और उसे रेंज ऑफिस भेजा। इस घटना के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों की कार्रवाई पर संदेह व्यक्त किया है, और कहा है कि यह तरीका ठीक नहीं था।

गुलदार के रेस्क्यू पर वन विभाग का संदेह, मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा

वन विभाग के अधिकारियों ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि इस प्रकार गुलदार को पकड़ना और उसके साथ इस तरह का व्यवहार खतरनाक हो सकता है। अब Guldar का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि वह स्वस्थ है या नहीं और उसे कोई चोट तो नहीं आई।

क्या था गुलदार के रेस्क्यू ऑपरेशन का उद्देश्य?

Guldar को पिंजरे में बंद करने का उद्देश्य उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और उसके स्वास्थ्य की जांच करना था। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर इस प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन बिना उचित जानकारी के किए जाएं तो यह वन्यजीवों के लिए खतरनाक हो सकता है।

वन विभाग ने लिया कड़ा कदम, जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत

वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। इस अभियान के तहत ग्रामीणों को बताया जाएगा कि वे वन्यजीवों के साथ किस प्रकार सुरक्षित तरीके से व्यवहार करें और उनके रेस्क्यू के लिए क्या कदम उठाए जाएं।

Guldar ko panchre mein band kiya gaya"
Guldar ka rescue operation kiya gaya aur use panchre mein band kiya gaya”

गांवों में वन्यजीवों के साथ सुरक्षित व्यवहार के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

वही वन विभाग का कहना है कि गांवों में वन्यजीवों के साथ सुरक्षित व्यवहार के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग टीम विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिससे लोग इस तरह की घटनाओं में सही निर्णय ले सकें और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

भविष्य में गुलदार के साथ कैसे व्यवहार किया जाएगा?

Guldar जैसे जंगली जानवरों के साथ भविष्य में अधिक सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे। वन विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न घटित हों, और यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो, तो इसे सही तरीके से संभालने के लिए पहले से तैयारी की जाएगी।

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग का सहयोग ज़रूरी

बता दे कि इस घटना से यह साफ हो जाता है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। ऐसा करके ही इस तरह के घटनाओं से बचा जा सकता है और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

दरअसल यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीणों और वन विभाग को मिलकर जंगली जानवरों से जुड़े मामलों में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। Guldar जैसे खतरनाक जानवरों के रेस्क्यू और उनकी सुरक्षा के लिए केवल वन विभाग का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का सहयोग जरूरी है।

बिजनौर के इनमपुरा गांव में Guldar के पकड़े जाने की घटना ने यह स्पष्ट किया कि जंगलों से बाहर आने वाले वन्यजीवों के साथ व्यवहार करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों के बीच सहयोग और सही मार्गदर्शन के बिना, ऐसी घटनाएं खतरनाक हो सकती हैं।

वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग का त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन सराहनीय है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार के घटनाओं से बचने के लिए सही तरीके अपनाए जाने चाहिए। Guldar जैसे जंगली जानवरों के साथ संवाद और रेस्क्यू प्रक्रिया को सही तरीके से समझना और लागू करना महत्वपूर्ण है।

वन विभाग का जागरूकता अभियान ग्रामीणों को इस दिशा में मदद करेगा, ताकि वे जानवरों के साथ सुरक्षित और संवेदनशील तरीके से पेश आ सकें। यह घटना यह भी दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के बीच अच्छा समन्वय होना जरूरी है ताकि ऐसी घटनाओं का सही तरीके से समाधान किया जा सके और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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