Rakesh Tikait Ne Baghpat Me Sarkaar Ko Ghera
बागपत (Baghpat) : भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को बागपत (Baghpat) जिले के दोघट कस्बे में किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भजन और भोजन हमेशा एकांत में करने चाहिए, इनका दिखावा नहीं होना चाहिए। टिकैत ने किसानों के मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरते हुए 17 अक्तूबर को सभी प्रदेश मुख्यालयों पर किसानों के प्रदर्शन की घोषणा की।

भजन और भोजन पर टिकैत का बयान, कहा—‘दिखावे से बचें’
बाघपत जिले के दोघट कस्बे में किसान नेता राकेश टिकैत राजेंद्र चौधरी के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति किसी न किसी चीज से प्रेम करता है, लेकिन भजन और भोजन एकांत में होना चाहिए, इसका प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह टिप्पणी हाल ही में सुर्खियों में आए ‘आई लव मोहम्मद’ मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए की। टिकैत ने कहा कि यह पूरा मामला बीजेपी का एजेंडा है, जो समाज में फूट डालने के लिए उठाया गया है। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे इस तरह के विवादों में न पड़ें और अपनी एकता बनाए रखें।
किसान नेता ने कहा कि धार्मिक मुद्दों में फंसने से किसान और आम जनता का ध्यान असली समस्याओं से हट जाता है, जबकि महंगाई, गन्ना मूल्य और फसल की लागत जैसी असल चिंताएँ पीछे छूट जाती हैं।
17 अक्तूबर को होगा प्रदेशभर में किसानों का प्रदर्शन
बागपत (Baghpat) में राकेश टिकैत ने कहा कि किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकारें उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही हैं। इसलिए अब 17 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में जिला और प्रदेश मुख्यालयों पर भाकियू के बैनर तले प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसानों की मुख्य मांग गन्ने का उचित मूल्य तय करना, बकाया भुगतान, फसल खरीद में पारदर्शिता और एमएसपी पर कानून बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि किसान की लागत बढ़ चुकी है और उसे अब 450 रुपये प्रति क्विंटल से कम गन्ना मूल्य स्वीकार नहीं है।
बागपत (Baghpat) में टिकैत ने कहा कि भाकियू आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पंचायतों के जरिए किसानों की आवाज़ और मज़बूत करेगी। गन्ना भुगतान, धान खरीद और मंडी व्यवस्था जैसे मुद्दों पर पंचायतें आयोजित की जाएंगी ताकि किसानों को न्याय मिल सके।
‘450 रुपए से कम गन्ना भाव स्वीकार नहीं’ – टिकैत
बागपत (Baghpat) राकेश टिकैत ने साफ कहा कि “किसानों की मेहनत का उचित दाम मिलना चाहिए। 450 रुपये प्रति क्विंटल से कम गन्ना मूल्य मंजूर नहीं होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल आंकड़ों में सुधार दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि धरातल पर किसान अभी भी बकाया भुगतान को लेकर परेशान हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि चीनी मिलों पर कार्रवाई केवल कागज़ों में की जाती है। जब तक किसानों का पूरा भुगतान नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि किसान संगठन सरकार से सीधा संवाद चाहता है, लेकिन यदि मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
बिहार चुनाव पर भी बोले टिकैत – जनता को याद हैं ‘लाठियां’
बागपत (Baghpat) में पत्रकारों से बातचीत के दौरान टिकैत से जब बिहार चुनाव पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां की जनता कोरोना काल में लगी लाठियों को नहीं भूली है। उन्होंने इशारा किया कि चुनाव के नतीजों में इसका असर देखने को मिलेगा। टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में किसानों की आवाज बुलंद की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आज का किसान जागरूक है और सरकारें उसे लंबे समय तक धोखा नहीं दे सकतीं। अब किसान मुद्दों पर एकजुट होकर संघर्ष करने को तैयार है।
किसानों में नई ऊर्जा, सरकार पर दबाव बढ़ा
बागपत (Baghpat) से भाकियू की इस घोषणा के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में नई ऊर्जा देखने को मिली है। खासकर गन्ना किसानों में 17 अक्तूबर के प्रदर्शन को लेकर उत्साह है। संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि अब किसान अपने हक की लड़ाई सड़क पर उतरकर लड़ेगा।
स्थानीय स्तर पर भी पंचायतों की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। भाकियू के पदाधिकारियों ने दावा किया कि इस बार सरकार को किसानों की एकजुटता का एहसास जरूर होगा।
बागपत (Baghpat) से राकेश टिकैत के बयानों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि भारतीय किसान यूनियन किसानों की मांगों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। भजन और भोजन की बात से लेकर राजनीतिक एजेंडे तक, टिकैत ने समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया और सरकार को चेताया कि अब किसान अपने हक के लिए निर्णायक संघर्ष करेगा।