Jaat movie review: सनी देओल का एक्शन जलवा, सीटी-तालियों से गूंजे सिनेमाघर!
जब कोई फिल्म दर्शकों को सीट से उठने ही न दे, हर सीन पर तालियाँ और सीटीयाँ गूंजे, तो समझ लीजिए कि पर्दे पर कोई जबरदस्त हीरो अपना जादू चला रहा है। सनी देओल और रणदीप हुड्डा की फिल्म ‘Jaat’ का ट्रेलर ही बता चुका था कि यह एक्शन का धमाका होने वाला है, और फिल्म ने दर्शकों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए धमाकेदार एंट्री मारी है।
फिल्म की शुरुआत ही उच्च स्तर के ड्रामा और थ्रिल के साथ होती है, और जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, एक्शन और भावनाओं का जबरदस्त मेल देखने को मिलता है। डायरेक्टर गोपीचंद मलिनेनी, जिन्होंने कहानी और स्क्रीनप्ले भी लिखा है, इस फिल्म को सिर्फ सनी देओल के स्टारडम पर नहीं टिका रखा, बल्कि एक मजबूत स्क्रिप्ट के सहारे इसे एक सशक्त एक्शन-ड्रामा में तब्दील किया है।
सनी देओल का दमदार अवतार
असल ज़िंदगी में सनी देओल चाहे जितने शांत और सौम्य हों, पर परदे पर वो एक ऐसे हीरो में तब्दील हो जाते हैं जो अकेले पूरे शहर (या देश!) से टकरा सकता है। ‘Gadar’ की याद दिलाती उनकी आवाज़, ‘Oye!’ की गूंज और ज़मीन तोड़ देने वाला पंच – ये सब मिलकर दर्शकों को बार-बार तालियाँ बजाने पर मजबूर कर देते हैं।
फिल्म में एक जगह सनी कहते हैं, “ये ढाई किलो के हाथ की ताक़त नॉर्थ देख चुका है, अब साउथ देखेगा”। यह डायलॉग न सिर्फ गुदगुदाता है बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री को एक इशारा भी करता है कि अब सनी देओल की धमक वहां भी महसूस की जाएगी।
रणदीप हुड्डा की खलनायक भूमिका
रणदीप हुड्डा इस फिल्म में श्रीलंकाई आतंकी रनतुंगा की भूमिका में हैं, जो भारत में घुसपैठ कर आंध्र प्रदेश के गाँवों में आतंक का साम्राज्य खड़ा करता है। निर्दयी, निष्ठुर और सत्ता-लोलुप रनतुंगा के किरदार में रणदीप ने जान डाल दी है। उनके भाई सोमुलु के रूप में विनीत कुमार सिंह भी दमदार नजर आते हैं, हालांकि उनका कुकू जैसी आवाज़ निकालना थोड़ा अटपटा लगता है।
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महिलाएं पीछे छूटीं, मगर कहानी में ट्विस्ट बरकरार
जहाँ पुरुष किरदारों को भरपूर स्कोप और डायलॉग्स मिले हैं, वहीं महिला किरदार कहीं-कहीं कमजोर पड़ते हैं। रेजिना कैसेंड्रा ने खलनायक की पत्नी के रूप में चौंकाया है, लेकिन सायामी खेर पुलिस अफसर के किरदार में प्रभाव छोड़ने में विफल रहती हैं। उर्वशी रौतेला का आइटम नंबर भी कमजोर कोरियोग्राफी और स्टाइल के चलते भूलने लायक ही रहा।

हिंसा और उच्च भावनाएं साथ-साथ
फिल्म में हिंसा की भरमार है – सर कलम करना, उंगलियाँ काटना और महिलाओं पर अत्याचार जैसे दृश्य कई बार परेशान करते हैं। लेकिन साउथ की फिल्मों की तरह, यहाँ भी ड्रामा हाई है, डायलॉग्स दमदार हैं, और सामाजिक संदेश साफ तौर पर झलकता है। हालांकि, “क्या चूड़ियाँ पहन रखी हैं?” जैसे मिसोजिनिस्टिक डायलॉग्स निराश करते हैं। आज के दौर में फिल्मों को इस दिशा में और संवेदनशील होने की ज़रूरत है। Jaat movie review
कहानी, फ्लैशबैक और दमदार संवाद
फिल्म की सबसे खास बात है – एक सिंपल ‘इडली गिरने पर माफी मांगने’ वाला सीन, जो पूरे फिल्म में एक recurring motif बनता है। कहीं हँसी तो कहीं गुस्सा और एक्शन – यह छोटा सा पल फिल्म को बाँधे रखता है। फिल्म की लंबाई 2 घंटे 40 मिनट है, लेकिन टेंपो इतना तेज़ है कि दर्शकों को बोरियत महसूस नहीं होती। फ्लैशबैक और नॉन-लीनियर नैरेशन भी फिल्म को रोमांचक बनाए रखते हैं। Jaat movie review
देखिए सिर्फ सनी देओल के लिए!
‘Jaat’ की कहानी नई नहीं है, पर सनी देओल की मौजूदगी इसे खास बनाती है। 67 वर्ष की उम्र में भी उनका जोश, दम और अभिनय देखकर हर कोई दंग रह जाता है। चाहे वो ‘Gadar’ की तरह देशभक्ति झलकाते मोनोलॉग हों या फिर ‘Ghayal’ वाला गुस्सा – सनी देओल ने फिर एक बार साबित किया है कि वो असली एक्शन हीरो हैं। ये फिल्म उन्हीं के लिए बनी है और उन्हीं के लिए देखी जानी चाहिए। Jaat movie review