Kannauj में पुलिस की लाठीचार्ज से प्रदर्शनकारी घायल, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप!
पंकज कुमार श्रीवास्तव (संवाददाता): खबर उत्तर प्रदेश के Kannauj से है, जहां पुलिस ने छिबरामऊ में सोमवार देर रात प्रदर्शन कर रही भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिसकर्मियों ने लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। लाठीचार्ज में कई लोग चोटिल हो गए। दरअसल मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। ये लोग एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले में Kannauj पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
Kannauj में पुलिस का लाठीचार्ज
छिबरामऊ के बुद्धू कूंचा मोहल्ले के रहने वाले राजेश गुप्ता की 15 साल की बेटी रुचि उर्फ लाडो बुखार से पीड़ित थी। उसके परिजनों ने 18 मई को पूर्वी बाईपास स्थित श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में उसे एडमिट कराया। यहां डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया था।
घटना का विवरण
बता दे कि 18 मई की ही देर शाम आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग करते हुए मोहल्ले वालों के साथ मिलकर अस्पताल के बाहर परिजनों ने हंगामा किया। सूचना पर Kannauj के सीओ मनोज कुमार सिंह और कोतवाल अजय अजय अवस्थी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए थे। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों से कन्नौज पुलिस की झड़प हो गई थी।
पुलिस लाठीचार्ज से प्रदर्शनकारियों में हड़कंप
जिसके बाद लाठियां पटक कर Kannauj पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। इससे भीड़ और उग्र हो गई। पुलिस के लाठियां भांजने से वहां मौजूद महिलाएं और पुरुष चोटिल हो गए। जिसके बाद फिर से कोतवाली का घेराव करने पहुंची। 19 मई को इस पूरी घटना का वीडियो सामने आया, तो लोग भड़क गए। सोमवार देर रात व्यापारी नेता, किसान नेता और कई लोग छिबरामऊ कोतवाली में एकत्र हुए।

लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
लगभग 500 की भीड़ ने कोतवाली का घेराव कर दिया। इन लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। यहां करीब 2 घंटे तक चले हंगामे और नारेबाजी के बाद पुलिस फोर्स ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। खुद को बचाने के प्रयास में लोग इधर-उधर भागने लगे। Kannauj पुलिस की लाठियों से कई लोग चोटिल हो गए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि Kannauj पुलिस को प्रदर्शनकारियों के साथ संवाद करना चाहिए था, बजाय इसके कि उन पर लाठीचार्ज किया जाता। स्थानीय निवासी मोहम्मद नदीम ने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में भय का माहौल बना है।
Kannauj के छिबरामऊ में हुई इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और प्रदर्शनकारियों के प्रति उनके रवैये पर सवाल उठाए हैं। वायरल वीडियो और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि Kannauj पुलिस को अपनी कार्रवाई में अधिक संवेदनशीलता और संयम दिखाने की आवश्यकता है। प्रशासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
लाठीचार्ज की घटना ने क्षेत्र में गहरा विवाद
Kannauj के छिबरामऊ में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की घटना ने क्षेत्र में गहरा विवाद उत्पन्न किया है। नाबालिग लड़की की मौत के बाद परिवार और स्थानीय लोगों का गुस्सा समझ में आता है, लेकिन पुलिस की बर्बरता ने इस घटना को और भी गंभीर बना दिया। वायरल वीडियो ने इस घटना को व्यापक स्तर पर सार्वजनिक किया, जिससे न केवल प्रशासन पर सवाल उठे, बल्कि Kannauj पुलिस की कार्यशैली की भी आलोचना शुरू हो गई।
इस मामले में प्रशासन को जल्दी और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। साथ ही, पुलिस को प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने का प्रयास करना चाहिए था, न कि बर्बर लाठीचार्ज जैसा कदम उठाना चाहिए था। यह घटना एक अहम उदाहरण बन गई है कि Kannauj पुलिस को अपनी कार्रवाई में अधिक संवेदनशीलता और संयम दिखाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रशासन का यह दायित्व है कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने के लिए प्रभावी उपाय करें।