Meerut में शुरू हो रही है ऐतिहासिक परियोजना, कूड़े से सोना परियोजना का मकसद
ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के Meerut में 300 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू होने जा रही है, जिससे कचरे से ऊर्जा, कंपोस्ट खाद और ईंटें बनाई जाएंगी। वही जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि Meerut में ऐसी मशीन लगेगी, जिससे कूड़े से सोना बनेगा। ये मशीन जल्द तैयार हो जाएगी। मशीन तैयार होने पर मेरठ में कूड़े से सोना बनेगा।
Meerut कूड़े से सोना परियोजना
यहां उनका आशय कचरे के बेहतर निस्तारण, स्वच्छता और रिसाइकिल से उत्पाद तैयार करने को लेकर था। उन्होंने यह भी कहा कि Meerut के नालों से गंदगी निकाली जाए और गीला कूड़ा भी तत्काल उठाकर इसका निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी विभाग तीन माह की कार्ययोजना बनाकर काम करें। जल जीवन मिशन के तहत गांव में शत-प्रतिशत पानी की सप्लाई की जाए।
₹300 करोड़ की योजना से बनेगी ऊर्जा
Meerut में प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने विकास भवन में स्वच्छ पेयजल, दुग्ध विकास, राशन वितरण, स्वच्छता, वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग पेंशन, विवाह अनुदान, विद्युत आपूर्ति, संक्रामक रोग नियंत्रण, गोसंरक्षण, हरा चारा भूसा, पेयजल आदि की व्यवस्था के संबंध में बैठक ली। उन्होंने कहा कि पानी का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। बरसात से पहले नालों की सफाई की जाए। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर काम करें।
मेरठ कूड़े से सोना परियोजना का मकसद
आंधी के कारण टूटे बिजली तार, खंभों और ट्रांसफार्मरों को युद्ध स्तर पर ठीक करके बिजली आपूर्ति चालू की जाए। बरसात के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक कराया जाए। संक्रामक रोगों को रोकने के लिए टीकाकरण, एंटी लार्वा स्प्रे, फॉगिंग आदि किया जाए। गोशालाओं में भूसा, चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह ने कहा कि बैठक में विकास कार्यों में अपेक्षित प्रगति की जाएगी।
Meerut में हुई बैठक में सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, हरिकांत अहलूवालिया, एमएलसी अश्विनी त्यागी, गुलाम मोहम्मद, एसएसपी विपिन ताडा, सीडीओ नूपुर गोयल, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल सोनी आदि मौजूद रहे।

परियोजना न केवल शहर की स्वच्छता में सुधार करेगी
Meerut में शुरू होने जा रही यह 300 करोड़ रुपये की परियोजना न केवल शहर की स्वच्छता में सुधार करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे कचरे का वैज्ञानिक निस्तारण संभव होगा और कचरे से मूल्यवान उत्पाद प्राप्त होंगे, जो शहरवासियों के लिए लाभकारी होंगे।
Meerut कूड़े से सोना परियोजना” केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि एक हरित क्रांति की ओर उठाया गया ठोस कदम है। इससे जहां शहर को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी, वहीं ऊर्जा उत्पादन, जैविक खाद और निर्माण सामग्री जैसे उत्पादों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मंत्री धर्मपाल सिंह की यह सोच कि “कूड़े से सोना निकलेगा
प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह की यह सोच कि “कूड़े से सोना निकलेगा”, अब हकीकत का रूप लेने जा रही है। यह परियोजना न केवल मेरठ के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक रोल मॉडल साबित हो सकती है। मेरठ में शुरू हो रही 300 करोड़ रुपये की परियोजना कूड़े से ऊर्जा, कंपोस्ट खाद और ईंटें बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस Meerut कूड़े से सोना परियोजना से न केवल शहर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे। मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा बताए गए उपाय जैसे नालों की सफाई और गीले कूड़े का तुरंत निस्तारण, इस परियोजना की सफलता के लिए अहम हैं। यह परियोजना मेरठ को स्वच्छ, विकसित और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील शहर बनाने में मदद करेगी।
साथ ही यह मॉडल पूरे उत्तर प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस पहल से स्पष्ट है कि कूड़ा भी सही प्रबंधन के साथ सोने जैसा कीमती संसाधन बन सकता है।