खुलेआम बिक रहा नशा, युवाओं की ज़िंदगियों से खिलवाड़
मनोज कश्यप (संवाददाता): Moradabad, उत्तर प्रदेश — एक चौंकाने वाला मामला मुरादाबाद के थाना मझोला क्षेत्र के कुंदनपुर इलाके से सामने आया है, जहाँ ढक्का रोड पर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर खुलेआम प्रतिबंधित नशे के इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं। इस मेडिकल स्टोर का संचालन संजीव कुमार नाम का व्यक्ति कर रहा है, और स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह स्टोर कई गुना रेट पर नशे का सामान बेचकर नौजवानों की जिंदगी को अंधकार की ओर धकेल रहा है।
कैसे हो रहा है मौत का व्यापार
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह मेडिकल स्टोर बिना किसी डॉक्टर की लिखी पर्ची के गंभीर किस्म के इंजेक्शन आम लोगों को बेच रहा है, जो सामान्यतः अस्पतालों में ही प्रयोग किए जाते हैं। इन इंजेक्शनों का इस्तेमाल नशे के तौर पर किया जा रहा है। कुछ युवाओं ने स्वीकार किया कि वे दिन में कई बार इन इंजेक्शनों का उपयोग करते हैं जिससे उन्हें तीव्र नशा होता है।
एक युवक ने कैमरे के सामने बताया, “हम प्रदीप कुमार के मेडिकल स्टोर से ये इंजेक्शन खरीदते हैं, एक इंजेक्शन 100 से 120 रुपये तक में मिल जाता है। हम इसे अपनी नस में लगाते हैं और इससे तेज़ नशा होता है।” वीडियो में देखा गया कि युवक खुद अपनी नस में सिरिंज लगाकर इंजेक्शन ले रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।

Moradabad में मेडिकल स्टोर पर बिक रहा नशे का इंजेक्शन
Moradabad के थाना मझोला क्षेत्र स्थित कुंदनपुर में एक मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन खुलेआम बेचे जा रहे हैं। यह इंजेक्शन बिना डॉक्टर की पर्ची के युवाओं को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो उनकी ज़िंदगियों के लिए खतरे का कारण बन रहे हैं।
कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, यह इंजेक्शन किसी भी हालत में बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं बेचे जाने चाहिए। ऐसे इंजेक्शन का उपयोग केवल गंभीर परिस्थितियों में अस्पतालों में होना चाहिए। इस तरह खुलेआम इनका बिक्री होना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि समाज के लिए अत्यंत घातक है।
भारतीय दवा एवं चिकित्सा अधिनियम के तहत ऐसे नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध है और इसके लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है। लेकिन मुरादाबाद में यह कानून धरे के धरे रह गए हैं।
स्थानीय लोग और परिवार परेशान
इस क्षेत्र के लोग इन नशेड़ियों से बेहद परेशान हैं। मोहल्ले के बच्चों और महिलाओं का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। लोग बताते हैं कि इंजेक्शन लेने के बाद नशे में धुत युवक सड़कों पर पड़े रहते हैं, कई बार झगड़े और छीनाझपटी की घटनाएं भी होती हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कई बार प्रशासन को शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब हमारे बच्चों का भविष्य खतरे में है। ये मेडिकल स्टोर मौत बाँट रहा है और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।”

प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहा है। क्षेत्र में इस तरह के मेडिकल स्टोर पर रोक लगाने के बजाय, अभी तक कोई छापा नहीं मारा गया और न ही लाइसेंस की जांच हुई है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है।
अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह समस्या और भी भयावह रूप ले सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल इस मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई करे बल्कि क्षेत्र के अन्य ऐसे दुकानों की भी जांच करे जो इस तरह का अवैध व्यापार कर रहे हैं।
जागरूकता और सख्ती दोनों जरूरी
यह घटना सिर्फ Moradabad की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। नशे की गिरफ्त में जा रहे युवा सिर्फ अपना नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुकसान कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
साथ ही, माता-पिता, स्कूलों और समाज को भी जागरूकता फैलानी होगी ताकि युवा इस अंधकारमय रास्ते पर चलने से पहले रुकें और सोचें। क्योंकि जब एक मेडिकल स्टोर मौत का इंजेक्शन बेचना शुरू कर दे, तो फिर पूरे समाज को जागने की जरूरत है। Moradabad
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