Muzaffarnagar में बिना अनुमति मस्जिद निर्माण पर प्रशासन ने की कार्रवाई
ब्यूरो रिपोर्टः खबर उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar से है, जहां बिना अनुमति के मस्जिद का निर्माण होने पर प्रशासन ने संपत्ति को सील कर दिया। शिकायत मिलने पर Muzaffarnagar पुलिस और तहसील प्रशासन ने कार्रवाई की। तहसीलदार के आदेश पर मस्जिद निर्माण रुकवा दिया गया और मस्जिद के संरक्षक निजामुद्दीन और प्लाट के मालिक यूनुस को हिरासत में ले लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है और उच्चाधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Muzaffarnagar में बिना अनुमति मस्जिद निर्माण पर कार्रवाई
दरअसल Muzaffarnagar के कस्बे की नई आबादी के बीच अनुमति के बगैर हो रहे मस्जिद के निर्माण कार्य को प्रशासन ने रुकवाते हुए संपत्ति को सील कर दिया। मस्जिद के संरक्षक समेत प्लाट स्वामी को हिरासत में लिया है। Muzaffarnagar के मोरना में नई आबादी के बीच मस्जिद का निर्माण कराए जाने की शिकायत पर पुलिस व तहसील प्रशासन ने संज्ञान लिया। मस्जिद का निर्माण बिना अनुमति के पाया गया।
बिना इजाज़त मस्जिद निर्माण से मचा बवाल
तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता के आदेश पर नायब तहसीलदार ब्रजेश सिंह, राजस्व निरीक्षक सुरेशचंद, थाना प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश सिंह पुलिस बल के साथ नई बस्ती में पहुंचे और निर्माण कार्य को रुकवाकर सील लगा दी। वही नायब तहसीलदार ने बताया है कि खसरा नंबर 366 में निर्मित क्षेत्रफल 178.48 वर्ग मीटर में मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था। मस्जिद निर्माण कार्य की कोई अनुमति शासन-प्रशासन द्वारा नहीं प्रदान की गई है।

Muzaffarnagar प्रशासन ने किया ताला बंद
Muzaffarnagar के प्रभारी निरीक्षक ने बताया की तहसील अधिकारियों की उपस्थिति में निर्माणाधीन मस्जिद पर सील लगाई गई है। आवासीय भूमि पर निर्माणाधीन मदीना मस्जिद के मुतवल्ली निजामुद्दीन निवासी मोरना व प्लाट स्वामी यूनुस को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उच्चाधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई
Muzaffarnagar में बिना अनुमति मस्जिद निर्माण पर प्रशासन द्वारा की गई सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि अवैध निर्माण को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Muzaffarnagar प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए मस्जिद निर्माण को रोकवाया और संबंधित संपत्ति को सील कर दिया। मस्जिद के संरक्षक निज़ामुद्दीन और प्लॉट मालिक यूनुस को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
कड़ी नीति और नियमों के पालन की प्रतिबद्धता
बता दे कि यह कदम कानून के प्रति प्रशासन की कड़ी नीति और नियमों के पालन की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी धार्मिक स्थल या अन्य निर्माण के लिए वैध अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति किए गए निर्माण से Muzaffarnagar प्रशासन और समुदाय दोनों के बीच विवाद हो सकते हैं, जो सामाजिक शांति और व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं।
इसलिए सभी नागरिकों और संस्थाओं को चाहिए कि वे संबंधित नियमों का पालन करें और बिना अनुमति निर्माण से बचें। आगे भी प्रशासन ऐसी अवैध गतिविधियों पर नजर बनाए रखेगा और आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई करता रहेगा ताकि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनी रहे और सभी को न्याय मिल सके। Muzaffarnagar की यह घटना प्रशासन की जिम्मेदारी निभाने की स्पष्ट मिसाल है, जो अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण हो सकती है।
इसलिए यह जरूरी है कि सभी लोग नियमों का सम्मान करें और किसी भी निर्माण कार्य के लिए उचित अनुमति लेने के बाद ही आगे बढ़ें, ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी परेशानी से बचा जा सके।