ब्यूरो रिपोर्टः नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर नोएडा में किसानों से जुड़ी समस्याओं पर संज्ञान लेने की अपील की है। नरेश टिकैत, जो भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख हैं, इस पत्र में नोएडा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में किसानों की ज़मीनों के अधिग्रहण, किसानों के अधिकारों की रक्षा, और अन्य संबंधित मुद्दों को उठाया है। चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने किसान के इस समय संकट के दौर से गुजर रहे हैं। उनकी खेती घाटे का सौदा बन रही है। नोएडा के किसान भूमि अधिग्रहण को लेकर जमीन का मुआवजा मांग रहे हैं।
Naresh Tikait ने नरेंद्र मोदी लिखा पत्र
नोएडा में किसानों को मुआवजा न देकर जेलों में बंद कर रहे है। महिला किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जिसने सभी की अंतरआत्मा को झकझोर दिया है।उनका कहना है कि नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में किसानों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, और उनकी भूमि अधिग्रहण के संबंध में उचित मुआवजा और पुनर्वास का प्रावधान नहीं किया जा रहा। नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और किसानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं।
चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा कि डीजल, और कीटनाशक दवाइयों सहित खेती में इस्तेमाल होने वाली हर प्रकार की वस्तु का मूल्य बढ़ रहा है। और जब से दिल्ली का आंदोलन स्थगित किया गया, तब से लेकर आज तक किसान एमएसपी गारंटी कानून सहित सभी किसान मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहा है। देश का ्किसान वर्ग पिछले 10 माह से शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है। हमारे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 20 दिन से आमरण अनशन पर हैं। उनका स्वास्थय पूरी तरह से अब बिगड़ चुका है। और अब वे मरणासन्न हालात में है।
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यह पत्र किसानों के उत्पीड़न, भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ उनके आर्थिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक अहम पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रकार की अपीलें आमतौर पर तब की जाती हैं जब किसान आंदोलनों और मुद्दों को सरकार की नीतियों में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता। नरेश टिकैत का यह कदम किसान आंदोलन के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर यदि इसे केंद्रीय सरकार और स्थानीय प्रशासन के बीच वार्ता और समाधान की दिशा में एक नई पहल के रूप में देखा जाए।