ब्यूरो रिपोर्टः हाल ही में मध्य प्रदेश के राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) को एक महत्वपूर्ण नोटिस भेजा गया है, जो राज्य प्रशासन और अधिकारियों के बीच हड़कंप मचाने वाला साबित हुआ। यह नोटिस एक उच्च न्यायालय के आदेश पर आधारित है, जिसमें राज्यपाल के कुछ निर्णयों और प्रशासनिक कार्रवाइयों के बारे में सवाल उठाए गए थे।
Anandi Ben Patel को भेज दिया नोटिस
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) को नोटिस भेजने की यह घटना उस समय आई है जब राज्य प्रशासन में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठ रहे थे। दरअसल आपको बता दे कि राजधानी लखनऊ में वरासत के एक मुकदमे में शरारती युवक ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पक्षकार बनाते हुए फर्जी तरीके से नोटिस राजभवन भेज दिया। मामला तब सामने आया जब फाइल राजभवन से कलेक्ट्रेट पहुंची। राज्यपाल ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया तो हड़कंप मच गया। इसमें कुछ प्रशासनिक प्रक्रियाओं और सरकारी निर्णयों की वैधता को लेकर कानूनी विवाद उत्पन्न हुआ।
इस नोटिस ने प्रशासनिक महकमों में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि यह मामला राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) के पद और उनके अधिकारों से जुड़ा हुआ है। इससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे और राज्यपाल के अधिकारों की सीमा को लेकर कानूनी बहस उठ सकती है। हालाकिं बात ये है कि तहसील मलिहाबाद में मीरा पाल बनाम ग्राम सभा का वरासत का मुकदमा तहसीलदार के न्यायालय में विचाराधीन है। किसी शरारती व्यक्ति ने 11 नवंबर को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) को पार्टी बनाते हुए राजभवन को नोटिस भेज दिया। और उसने न्यायालय की फर्जी मोहर व हस्ताक्षर बनाकर व्यक्ति ने जाली नोटिस तैयार कर लखनऊ से स्पीड पोस्ट किया है।
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राजभवन से कलेक्ट्रेट आया लेटर अभी मलिहाबाद नहीं आया है। जांच कराई जा रही है। ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति पर र्कारवाई की जाएगी। इस पूरे मामले ने अधिकारियों को एक चेतावनी दी है कि प्रशासनिक फैसलों को और अधिक ध्यान से लिया जाए, और उच्च न्यायालय के आदेशों और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया जाए।