Samajwadi Party पर आरोपों की झड़ी, माफी की मांग से गरमाई यूपी की राजनीति
ब्यूरो रिपोर्टः Samajwadi Party के मीडिया सेल ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी है। इसके बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है। हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डैमेज को कंट्रोल करने की बहुत हद तक कोशिश की है। बता दे कि फिलहाल इस मामले पर पक्ष और विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
Samajwadi Party और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत अन्य को मानहानि का नोटिस भेज 15 दिन के अंदर मांफी मांगने की मांग की गई है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने Samajwadi Party को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि परिवारवादी समाजवाद अब पूरी तरह से लठैतवाद में बदल चुका है। दरअसल वहीं सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने सत्ताधारी बीजेपी पर ही निशाना साध दिया है।
अखिलेश यादव ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की
Samajwadi Party के वरिष्ठ नेता और विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के बढ़ते जनाधार को देख बीजेपी बौखला गई है। इसी वजह से बीजेपी अनर्गल बयानबाजी करने का काम कर रही है। सपा विधायक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक लगातार सपा से पूछते है कि उनका डीएनए क्या है। अब दूसरों का डीएनए पूछने वाले अपना डीएनए नहीं बता पा रहे हैं।
मौर्य ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि जो उनके डीएनए को लेकर मीडिया सेल ने कहा है, अगर वो गलत है तो अपना डीएनए बताएं। Samajwadi Party-बीजेपी के हर जुल्म और अन्याय का जवाब देने के लिए तैयार है। बीजेपी की किसी भी तानाशाही, जुल्म और अन्याय से डरने वाले नहीं है। अखिलेश यादव के सपा विधायक ने बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने इसकी शुरुआत की है। हम लोग कभी किसी का भी डीएनए नहीं पूछते है।

जो लोग अपना डीएनए बात नहीं पा रहे हैं, वह लोग अब दूसरों का डीएनए पूछना बंद करें। बीजेपी जनता के मुख्य मुद्दों से जनता का ज्ञान बांटना चाहती है। प्रदेश में महंगाई, बेरोजगार, भ्रष्टाचार और अपराध लगातार बढ़ रहा है। सुबह में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
विपक्ष का हमला और सपा की स्थिति
आगे कहा कि प्राइमरी स्कूल बंद हो रहे हैं, प्रदेश में कोई बहन-बेटी सुरक्षित नहीं है। इन्हीं सब मुद्दों से जनता का ध्यान बांटने के लिए अनर्गल बयानबाजी की शुरुआत करती है। जब बीजेपी को इस अनर्गल बयान बाजी का जवाब मिलता है तो उस जवाब से और भी गलत बातें करने लगती है। बता दे कि इस मामले में Samajwadi Party के मुखिया अखिलेश यादव को मानहानि का नोटिस भेजा गया है।
प्रदेश की राजनीति पर असर
यह विवाद यूपी की राजनीति में गहरा असर डाल सकता है। बृजेश पाठक के खिलाफ की गई टिप्पणी ने कई राजनीतिक दलों के बीच एक नई खाई को जन्म दिया है। इस विवाद के बाद सूबे की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, क्योंकि अब यह मामला सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रह गया है।
मानहानि का नोटिस भेजने की मांग
Samajwadi Party के मीडिया सेल द्वारा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक पर की गई अभद्र टिप्पणी से उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया उबाल आ गया है। इस विवाद ने जहां सत्तारूढ़ भाजपा को हमलावर रुख अपनाने का मौका दिया, वहीं Samajwadi Party को सफाई देने और डैमेज कंट्रोल करने पर मजबूर होना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे गए मानहानि नोटिस ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
बता दे कि इस पूरे घटनाक्रम में यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति अब बेहद तीव्र और व्यक्तिगत हो चुकी है। एक ओर सत्ता पक्ष इस मुद्दे को विपक्ष को घेरने के लिए इस्तेमाल कर रहा है, तो दूसरी ओर Samajwadi Party इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है।
विधानसभा में हंगामा, तीखी बयानबाजी और कानूनी कार्रवाई – ये सभी घटनाएं बताती हैं कि आगामी चुनावों में यह मामला एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस मोड़ पर जाकर समाप्त होता है और इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।