WhatsApp Join WhatsApp Telegram Join Telegram

Sambhal में मिला अब तक का सबसे बड़ा कूप, स्नान और जल पीने का है विशेष महत्व

"Sambhal Ancient Well Restoration and Water Conservation Effort."

संभल में एक और प्राचीन कूप रसोदक कूप की खोज की गई है, जिसमें स्नान और जल पीने का खास धार्मिक महत्व है। जानें पूरी जानकारी!

महबूब अली (संवाददाता): Sambhal में एक और प्राचीन कूप की खोज की गई है, जो अब तक का सबसे बड़ा कूप माना जा रहा है। यह कूप स्नान और जल पीने के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस कूप को पालिका प्रशासन साफ करके दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करने जा रहा है।

संभल में कूपों और तीर्थ स्थलों की अद्भुत खोज

संभल (Sambhal) में अब तक 68 तीर्थ स्थल और 19 कूप खोजे जा चुके हैं। इनमें से कई कूप या तो विलुप्त हो चुके थे या फिर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। प्रशासन की मुहिम के तहत इन कूपों और तीर्थ स्थलों को फिर से खोजा और संरक्षित किया गया है, ताकि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पुनः जीवित किया जा सके।

रसोदक कूप का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण

संभल (Sambhal) नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी डॉ. मणि भूषण तिवारी ने बताया कि रसोदक कूप का जीर्णोद्धार और साफ-सफाई का कार्य शुरू किया गया है। कूप पर उसका नाम प्रदर्शित करने वाला बोर्ड लगाया जा रहा है, ताकि जल संरक्षण के तहत इसे सौंदर्यीकरण किया जा सके। इस कूप का महत्व सिर्फ जल पीने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

संभल (Sambhal) में मिले इस प्राचीन कूप का महत्व न केवल जल संरक्षण बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत अधिक है। रसोदक कूप का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए चल रही योजनाएं, प्रशासन की जल संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कूप के माध्यम से संभल में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय समुदाय को लाभ होगा और संस्कृति की धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा।

Sambhal Ancient
Pracheen Sambhal ka RasoDak Kupa, jo ab jeernoddhar aur saundaryikaran ke liye viksit ho raha hai.

संभल में इस कूप की खोज और इसका सौंदर्यीकरण केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण के लिए भी एक आदर्श उदाहरण बनेगा। प्राचीन कूपों और तीर्थ स्थलों को पुनः खोजने और उन्हें संरक्षित करने का यह प्रयास उन स्थानों के महत्व को फिर से जीवित करता है जो पहले विलुप्त हो चुके थे या जिनका दुरुपयोग किया जा रहा था।

यह कदम धार्मिक पर्यटन, जल संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा और संभल को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top