Shamli Jiladhikaari Ko Shikayat Patra Saupte HUye Mahilao Ne Aanganwadi Karmi Par Lagaye Gambhir Aarop
शामली संवाददाता दीपक राठी उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) के किशोरपुर गांव में आंगनबाड़ी के कामकाज को लेकर ग्रामीण महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पिछले तीन महीनों से बच्चों और महिलाओं को सरकार की तरफ से दिए जाने वाले पोषाहार नहीं मिल रहे हैं।
शामली (Shamli) के किशोरपुर गांव में ग्रामीण महिलाओं के अनुसार, जब उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मी नीलम से पोषाहार के बारे में सवाल किया, तो उसने ऊपर से पोषाहार नहीं आने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया और महिलाओं ने जिला अधिकारी को शिकायती पत्र सौंपते हुए दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

भारत सरकार की पोषाहार योजना और किशोरपुर की गंभीर स्थिति
भारत सरकार ने बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लिए पोशाहार वितरण योजना लागू की है। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा नियमित रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरित किया जाता है।
लेकिन शामली (Shamli) जिले के थानाभवन क्षेत्र के किशोरपुर गांव में आंगनबाड़ी नीलम ने तीन माह से यह जिम्मेदारी नहीं निभाई है। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि न केवल पोषाहार नहीं दिया जा रहा है, बल्कि आंगनबाड़ी कर्मी स्कूल गतिविधियों में भी अनुपस्थित रहती हैं।
शामली (Shamli) जिले के किशोरपुर गांव की महिलाओं ने बताया कि उन्हें आशंका है कि पोषाहार कहीं और बेच दिया गया हो, क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मी लगातार अनुपस्थित रहती है और ग्रामीणों के सवालों का सामना नहीं कर रही है।
ग्रामीण महिलाओं की मांग और प्रशासनिक जिम्मेदारी
शामली (Shamli) जिले के किशोरपुर गांव की ग्रामीण महिलाओं ने शनिवार को सामूहिक रूप से कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी की लापरवाही के कारण बच्चों और महिलाओं के पोषण पर गंभीर असर पड़ रहा है।
महिलाओं ने जोर देकर कहा कि प्रशासन को तुरंत जांच कर दोषी आंगनबाड़ी कर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, तो वे और अधिक व्यापक विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगी।
शामली (Shamli) जिले के किशोरपुर गांव के स्थानीय लोग और ग्रामीण इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और उनका कहना है कि योजना का उद्देश्य गांव में लागू नहीं हो रहा है। उनका मानना है कि सरकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय स्तर पर निगरानी और पारदर्शिता आवश्यक है।
पोषण योजना का महत्व
पोशाहार वितरण योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर को बेहतर बनाना है। पोषाहार के नियमित वितरण से बच्चों का स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास प्रभावित होता है।
शामली (Shamli) जिले के किशोरपुर गांव की ग्रामीण महिलाएं कहती हैं कि अगर आंगनबाड़ी ने पोषाहार वितरित नहीं किया, तो इसका सीधा असर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से यह भी कहा कि दोषी कर्मी पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ-साथ पोषाहार की सही और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
शामली (Shamli) के किशोरपुर गांव में आंगनबाड़ी की लापरवाही ने सरकारी पोषण योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों और महिलाओं का पोषण प्रभावित होने से ग्रामीण महिलाओं में नाराजगी बढ़ी है।
शामली (Shamli) जिले के किशोरपुर गांव के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और पोषाहार वितरण को नियमित बनाना चाहिए।
इस मामले से स्पष्ट होता है कि सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए स्थानीय निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। ग्रामीण महिलाओं ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और पोषाहार वितरण नियमित नहीं होता, वे मामले पर नजर बनाए रखेंगी और आवश्यकता पड़ने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।