उत्तर प्रदेश के shamli में दहेज न मिलने पर तीन तलाक का मामला, महिला ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई
दीपक राठी (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के जनपद shamli में एक विवाहिता को दहेज न मिलने पर उसके पति ने तीन तलाक दे दिया। पीड़िता ने पहले पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद, पीड़िता ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। यह घटना shamli के झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव गुजरपुर मजरा टपराना की है, जहां विवाहिता ने अपने परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा।
शादी के बाद से दहेज की मांग, ससुराल वालों द्वारा की जा रही प्रताड़ना
पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी लगभग चार साल पहले बाबू उर्फ राजा, निवासी गढ़ी मियां गंगेरू, थाना कांधला के साथ हुई थी। शादी में उसके पिता ने अपनी पूरी हैसियत से ज्यादा दहेज दिया, लेकिन ससुराल वाले इससे संतुष्ट नहीं हुए और लगातार दहेज की मांग करने लगे। शादी के बाद से ही उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
25 मार्च को मारपीट और तीन तलाक देने का गंभीर आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया कि 25 मार्च को उसके पति और ससुराल वालों ने मिलकर उसके साथ जमकर मारपीट की। मारपीट के बाद, पति ने उसे तीन तलाक कहकर घर से बाहर निकाल दिया और उसका ढाई साल का बेटा भी छीन लिया। पीड़िता ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद, पीड़िता ने shamli जिलाधिकारी कार्यालय जाकर न्याय की अपील की।

पीड़िता ने shamli जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर न्याय की अपील की
विवाहिता ने shamli जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा, जिसमें उसने अपनी पूरी आपबीती बताई और ससुराल वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पीड़िता का कहना है कि उसे लगातार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार बनाया गया और उसके अधिकारों का उल्लंघन किया गया। अब वह अपने बेटे को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।
तीन तलाक और दहेज प्रथा की समस्या पर समाज में बढ़ती चिंता
यह घटना केवल एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि समाज में दहेज प्रथा और तीन तलाक की बढ़ती समस्याओं का भी संकेत है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह समस्याएं बहुत गंभीर हो चुकी हैं, जहां महिलाओं को दहेज और मानसिक शोषण का शिकार होना पड़ता है। यह मामला एक और उदाहरण है, जिसमें एक महिला को अपनी बेटी और बेटे के हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
यह मामला उत्तर प्रदेश के shamli जिले से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक महिला को दहेज न मिलने पर उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया। इस घटना ने समाज में दहेज प्रथा और तीन तलाक की बढ़ती समस्याओं को उजागर किया है। महिला ने पहले पुलिस से शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उसने shamli जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
यह मामला न केवल उस महिला के लिए, बल्कि समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ होने वाली शोषण की समस्याओं पर भी प्रकाश डालता है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि दहेज प्रथा और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके और उन्हें शारीरिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके। न्याय पाने के लिए इस महिला का संघर्ष समाज में अन्य पीड़ित महिलाओं के लिए एक उदाहरण बन सकता है।