Shamli Me Raat Me Chal Raha Avaidh Mitti Khanan
शामली (संवाददाता दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) में एक चर्चित मिट्टी खनन माफिया द्वारा रात के अंधेरे में अवैध खनन का मामला सामने आया है। प्रशासन और एनजीटी द्वारा तय सभी नियमों को दरकिनार करते हुए, माफिया आधुनिक मशीनों की मदद से जंगलों की मिट्टी निकाल रहा है। अवैध खनन से निकलने वाली मिट्टी को ट्रैक्टर-ट्रालियों और डंपरों में भरकर आसपास की नवनिर्मित कॉलोनियों में मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार का अवैध खनन मिट्टी की उपजाऊ परत को नष्ट करने के साथ-साथ आसपास के जल स्रोतों और जंगलों को भी प्रभावित कर रहा है। इससे न केवल पर्यावरणीय क्षति हो रही है, बल्कि राज्य के राजस्व को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि माफिया प्रशासनिक अधिकारियों के डर से बेपरवाह है और एनजीटी के नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहा है। अवैध खनन की यह प्रक्रिया कई वर्षों से चल रही है, लेकिन अब तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

मामला सदर कोतवाली क्षेत्र और गांव झाल के जंगलों का
शामली (Shamli) जिले का यह पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र, मेरठ-करनाल हाईवे के पास गांव झाल के जंगलों से जुड़ा है। यहाँ चर्चित मिट्टी खनन माफिया गौरव द्वारा रात के समय अवैध खनन का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है।
शामली (Shamli) में माफिया द्वारा निकाली गई मिट्टी को बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों में भरकर रातों-रात आसपास की नवनिर्मित कॉलोनियों में बेचा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध खनन से उन्हें केवल पर्यावरणीय नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि उनकी जमीन और प्राकृतिक संसाधनों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
शामली (Shamli) जिला प्रशासन की निष्क्रियता के कारण माफिया को और अधिक हौसला मिल रहा है। राजस्व को लगातार आर्थिक नुकसान पहुँचने के साथ-साथ जंगलों की प्राकृतिक संरचना भी प्रभावित हो रही है।
प्रशासन ने जांच और वैधानिक कार्रवाई का एलान किया
शामली (Shamli) जिले में रात में लगातार हो रहे अवैध मिट्टी खनन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। जांच के उपरांत मिट्टी खनन माफिया पर वैधानिक कार्रवाई करने की बात कही गई है।
शामली (Shamli) जिले के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर निगरानी रखी जाएगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शामली (Shamli) प्रशासन की इस पहल से स्थानीय लोग राहत की सांस ले रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अवैध खनन पर पूरी तरह अंकुश लगेगा।
पर्यावरण और स्थानीय समाज पर प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध खनन से न केवल मिट्टी की उपजाऊ परत नष्ट हो रही है, बल्कि जंगल और जल स्रोत भी प्रभावित हो रहे हैं। इससे जैव विविधता खतरे में पड़ रही है और स्थानीय किसानों की जीवनशैली भी प्रभावित हो रही है।
स्थानीय लोग शामली (Shamli) प्रशासन की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह काला कारोबार पूरी तरह बंद हो जाएगा। इससे न केवल राजस्व को फायदा होगा, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक संरचना की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।