Udyog Vyapar Mandal Pradesh Mantri Himanshu Malviy Sultanpur
सुल्तानपुर (संवाददाता मो०काशिफ) : नगर पालिका की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बुधवार को सुल्तानपुर (Sultanpur) शहर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाने निकली पालिका टीम ने फुटपाथ और पटरी से तो सामान जब्त किया ही, साथ ही कई दुकानों के भीतर घुसकर भी व्यापारियों का माल उठा लिया। इस कार्रवाई से व्यापारी वर्ग में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। आहत व्यापारियों ने सुल्तानपुर (Sultanpur) पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।

व्यापारियों का आरोप: बिना सूचना की कार्रवाई
सुल्तानपुर (Sultanpur) के व्यापारियों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना और बिना सीमा-रेखा स्पष्ट किए दुकानों से सामान उठवा लिया। कई दुकानदारों का कहना है कि टीम ने उनके भीतर रखे सामान तक को जबरन कब्जे में ले लिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो पालिका कर्मियों और पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।
सुल्तानपुर (Sultanpur) के व्यापारियों के अनुसार, कार्रवाई का तरीका पूरी तरह मनमाना और तानाशाही भरा था। उनका कहना है कि अगर अतिक्रमण हटाना था तो पहले सर्वे किया जाता, दुकानदारों को नोटिस दिया जाता और उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाती। लेकिन अचानक आई टीम ने दुकानों का माल उठाकर उन्हें आर्थिक और मानसिक नुकसान पहुंचाया है।
ईओ के बयान से और बढ़े सवाल
सुल्तानपुर (Sultanpur) की इस घटना ने नया मोड़ तब लिया जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) लाल चंद्र सरोज ने मीडिया के सामने सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके द्वारा किसी भी टीम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए भेजा ही नहीं गया था।
सुल्तानपुर (Sultanpur) ईओ के इस बयान से व्यापारियों के आरोपों को बल मिला और सवाल खड़ा हुआ कि आखिर टीम भेजी किसने? यदि ईओ को जानकारी ही नहीं थी तो फिर किसके आदेश पर यह कार्रवाई की गई? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है या फिर नगर पालिका के अंदरूनी मतभेद और अव्यवस्था का परिणाम?
पालिका अध्यक्ष ने दिया आश्वासन
बढ़ते विवाद को देखते हुए सुल्तानपुर (Sultanpur) नगर पालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने व्यापारियों से बातचीत की। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि जब्त किया गया सामान जल्द ही वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों का सम्मान और सुरक्षा सर्वोपरि है, और यदि कार्रवाई में कोई त्रुटि हुई है तो उसे सुधारा जाएगा।
हालांकि दूसरी ओर ईओ ने संकेत दिए हैं कि अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इससे यह स्पष्ट है कि पालिका प्रशासन के भीतर ही इस मामले को लेकर मतभेद की स्थिति बनी हुई है।
व्यापार मंडल की कड़ी प्रतिक्रिया
सुल्तानपुर (Sultanpur) अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री हिमांशु मालवीय ने इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस और नगर पालिका की कार्रवाई से व्यापारियों को अपमान और आर्थिक क्षति झेलनी पड़ी है। मालवीय ने चेतावनी दी कि व्यापारी वर्ग इस अन्याय को चुपचाप सहन नहीं करेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं कई बार कह चुके हैं कि व्यापारी देश की रीढ़ हैं और उनका सम्मान सर्वोपरि है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन का यह रवैया सरकार की नीतियों के विपरीत है। यदि व्यापारियों को न्याय नहीं मिला तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
मामले ने पकड़ा राजनीतिक तूल
सुल्तानपुर (Sultanpur) के इस विवाद ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों ने नगर पालिका की कार्रवाई को भ्रष्टाचार और मनमानी का उदाहरण बताते हुए सत्ताधारी दल पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि नगर पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों का शोषण कर रहा है।
वहीं व्यापारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई और जब्त किया गया सामान वापस नहीं मिला तो वे व्यापक आंदोलन की तैयारी करेंगे।
सुल्तानपुर (Sultanpur) में नगर पालिका की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से उठा विवाद अब प्रशासनिक हलकों से निकलकर राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गया है। एक ओर पालिका अध्यक्ष और ईओ के बयानों में विरोधाभास है, तो दूसरी ओर व्यापारी वर्ग का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। फिलहाल सभी की निगाहें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर टिकी हैं कि वे इस विवाद को सुलझाने और व्यापारियों का विश्वास बहाल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।