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UP News : कैसे 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स बना रहा छात्रों का टीचर बनने का सपना साकार – पढ़ें नई शिक्षा नीति

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डायट में बड़ा बदलाव: खत्म हो रहा डीएलएड कोर्स, आ रहा है 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स

UP News: उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों युवाओं के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब तक शिक्षक प्रशिक्षण के लिए डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) कोर्स एक मुख्य माध्यम था, लेकिन वर्ष 2030 तक यह कोर्स समाप्त कर दिया जाएगा। इसकी जगह पर अब एक नया और अधिक सशक्त चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जा रहा है। यह परिवर्तन केवल पाठ्यक्रम का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र में एक सकारात्मक क्रांति का प्रतीक है।

नई शिक्षा नीति के तहत मिल रही दिशा

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, अब शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, कौशल-आधारित और बहुआयामी बनाया जा रहा है। इसी दिशा में इंटीग्रेटेड कोर्स को बीएड और डीएलएड के समकक्ष मान्यता दी जाएगी। अब 12वीं के बाद ही छात्र सीधे चार साल का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर पाएंगे, जिससे उनका समय भी बचेगा और वह अधिक दक्षता के साथ शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

गौतमबुद्धनगर की डायट बनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

गौतमबुद्धनगर जिले की डायट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चुना गया है। यहां आधुनिक लैब्स, डिजिटल लिटरेसी पर फोकस, और कंप्यूटर सुविधाएं छात्रों को मिलेंगी। डायट प्राचार्य राज सिंह यादव ने बताया कि इस कोर्स के बाद छात्रों को ग्रेजुएशन और शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री एक साथ प्राप्त होगी।

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स करने के बाद छात्रों को न केवल बेसिक शिक्षा विभाग में बल्कि माध्यमिक स्तर पर भी नौकरी के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, प्राइवेट स्कूल, एनजीओ और एजुकेशन स्टार्टअप्स में भी प्रशिक्षित और तकनीक-समर्थ शिक्षक की मांग तेजी से बढ़ेगी।

हालांकि डीएलएड के समाप्त होने की खबर से कई छात्र चिंतित हो सकते हैं, लेकिन यह बदलाव दीर्घकालिक रूप से उनके हित में है। अब उन्हें एक संगठित, सघन और उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा, जो उन्हें भविष्य के शैक्षणिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

सरकारी स्कूलों की चुनौती: नामांकन और उपस्थिति

राज्य के परिषदीय विद्यालयों में नामांकन और बच्चों की उपस्थिति अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आर्थिक स्थिति में सुधार और स्टेटस सिंड्रोम के कारण अधिकतर अभिभावक प्राइवेट स्कूल को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के बच्चों की अनियमित उपस्थिति भी एक प्रमुख समस्या है।

शिक्षकों को मिलेगा उन्नत प्रशिक्षण

अब शिक्षकों को हर वर्ष केवल 5 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें AI, जीवन कौशल, सुरक्षा संरक्षा और डिजिटल लिटरेसी जैसे मॉड्यूल शामिल हैं। इससे न केवल शिक्षक अपडेटेड रहेंगे, बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

साल 2023 में डायट का डिजिटलीकरण हो चुका है। इससे अब छात्र कंप्यूटर, इंटरनेट और AI जैसी आधुनिक तकनीकों से अवगत हो रहे हैं। शिक्षक भी डिजिटल टूल्स का प्रयोग कर पढ़ाई को अधिक रोचक और प्रभावी बना रहे हैं।

स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत सीएसआर के सहयोग से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। अब यहां बेहतर फर्नीचर, साफ-सफाई, और तकनीकी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।

अभिभावकों से संवाद पर ज़ोर

शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह मोबाइल और डिजिटल माध्यमों से अभिभावकों के संपर्क में रहें। इसका उद्देश्य बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाना और शिक्षा को निरंतर बनाना है।

भविष्य की ओर एक सकारात्मक कदम

डायट द्वारा शुरू की गई यह नई पहल छात्रों को न केवल शिक्षित करेगी, बल्कि उन्हें एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए तैयार भी करेगी। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के ज़रिए भविष्य के शिक्षकों को गहराई, विविधता और तकनीकी समझ से लैस किया जा रहा है।

डीएलएड कोर्स का समाप्त होना अंत नहीं बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स छात्रों को न केवल बेहतर प्रशिक्षित करेगा बल्कि उन्हें एक सशक्त और प्रतिस्पर्धी करियर की दिशा में अग्रसर भी करेगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह परिवर्तन देश के भविष्य यानी उसके शिक्षकों को बेहतर, जागरूक और तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगा।

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