Shamli Me 2 Mahine Se Chal Raha vaidh Ret Khanan
शामली संवाददाता (दीपक राठी) : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली (Shamli) के झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव मंगलौरा में दो माह से अधिक समय से अवैध बालू खनन का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया दिन-रात यमुना नदी से आधुनिक मशीनों के जरिए रेत निकाल रहे हैं और ओवरलोड वाहनों से गांव के रास्तों को पूरी तरह तबाह कर चुके हैं।
गांव के लोग लगातार इस अवैध खनन की शिकायत खनन विभाग और पुलिस प्रशासन से कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और खनन विभाग की मिलीभगत से यह धंधा जारी है।

रात में चलता है अवैध खनन का खेल, सुबह तक भर दिए जाते हैं डंपर
शामली (Shamli) जिले के ग्रामीणों के मुताबिक, रोजाना शाम 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक यमुना नदी में दर्जनों डंपर और जेसीबी मशीनें उतर जाती हैं। ये मशीनें नदी की तलहटी से कई फुट गहरा बालू खनन करती हैं, जिससे नदी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है।
शामली (Shamli) के शिकायतकर्ता संजीव, जो गांव मंगलौरा के निवासी हैं, ने बताया —
“दो महीने से लगातार यह खनन चल रहा है। रात में पुलिस भी आई थी लेकिन उन्होंने मौके से रेत से भरे डंपर को छोड़ दिया। खनन माफिया परमाल मंगलौरा का ही रहने वाला है। उसकी पुलिस और खनन विभाग से मिलीभगत है। पूरे गांव के रास्ते टूट चुके हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचने के नाम पर लोकेशन भेजने की बात कहकर कार्रवाई टाल देते हैं।
ग्रामीणों ने डीएम को सौंपी शिकायत, की कठोर कार्रवाई की मांग
अवैध खनन से परेशान ग्रामीणों ने अब जिलाधिकारी शामली (Shamli) को शिकायती पत्र सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि इस खनन को तत्काल रोका जाए और इसमें शामिल खनन माफिया व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ओवरलोड रेत से भरे डंपर दिन-रात गांव से गुजरते हैं, जिससे सड़कें टूट गई हैं और धूल मिट्टी के कारण बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
एक अन्य ग्रामीण ने कहा —
“खनन से हमारे खेतों की मेड़ों को नुकसान हो रहा है। ट्रक और डंपर इतनी तेज गति से निकलते हैं कि कई बार दुर्घटना होते-होते बची है। रात में पूरा इलाका भारी वाहनों से गूंजता है, लेकिन खनन विभाग आंखें मूंदे बैठा है।”
खनन अधिकारी बोले— गांव मंगलौरा में कोई पट्टा आवंटित नहीं
इस पूरे मामले में जब खनन अधिकारी शामली (Shamli) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव मंगलौरा में किसी भी प्रकार का बालू खनन पट्टा आवंटित नहीं है। अधिकारी ने कहा,
“रात में सूचना प्राप्त हुई थी कि अवैध खनन हो रहा है। हमने शिकायतकर्ता से लोकेशन भेजने को कहा था ताकि हम मौके पर पहुंच सकें, लेकिन अभी तक कोई लोकेशन प्राप्त नहीं हुई। जैसे ही लोकेशन मिलेगी, जांच की जाएगी।”
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी इस बहाने से हर बार कार्रवाई से बचते हैं, जबकि गांव के सभी लोगों को पता है कि रोज रात में नदी से बालू निकाला जा रहा है।
पुलिस ने कहा— मामला मिट्टी खनन का था, रेत नहीं
वहीं, चौसना चौकी इंचार्ज खूब सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी, जिसके बाद वह मौके पर गए थे। उन्होंने कहा,
“वहां बालू खनन नहीं बल्कि मिट्टी खनन हो रहा था, जिसे बंद करा दिया गया है। दोनों पक्ष पहले साथ में काम करते थे, अब आपस में डंपर को लेकर विवाद चल रहा है।”
हालांकि ग्रामीणों ने शामली (Shamli) पुलिस के इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पुलिस जानबूझकर खनन माफिया को बचा रही है।
खनन विभाग की निष्क्रियता पर उठे सवाल
शामली (Shamli) में गौर करने वाली बात यह है कि अगर ग्रामीणों के आरोप सही हैं और दो महीने से यमुना नदी में अवैध खनन चल रहा है, तो यह सवाल उठता है कि खनन विभाग और प्रशासन दो महीने तक खामोश क्यों रहा?
शामली (Shamli) में इतने बड़े पैमाने पर रेत की निकासी, भारी मशीनरी की आवाजाही और डंपरों के शोर के बावजूद विभाग को भनक न लगना उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि अगर यह अवैध खनन नहीं रुका तो गांव के रास्ते पूरी तरह ध्वस्त हो जाएंगे और नदी का पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ जाएगा।