Sushil Sharma Baghpat
बागपत उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) जनपद के गांव असारा में शुक्रवार को एक युवक के कथित धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। असारा निवासी सुशील शर्मा का एक शपथ पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उसने दावा किया कि वह बिना किसी दबाव के अपनी इच्छा से मुस्लिम धर्म अपना रहा है। इस शपथ पत्र में लिखा गया कि 10 सितंबर 2025 को सुबह 10:10 बजे उसने आधिकारिक रूप से धर्मांतरण किया है।
जैसे ही यह दस्तावेज वायरल हुआ, गांव में अफवाहों का दौर शुरू हो गया। वहीं पुलिस भी सक्रिय हो गई और सुशील की तलाश शुरू कर दी।

नमाज पढ़ने के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार
बागपत (Baghpat) पुलिस ने एहतियात के तौर पर गांव की मस्जिदों पर चौकसी बढ़ा दी। इसी दौरान दोपहर लगभग 1:15 बजे सुशील चुपचाप गांव की शबीरी मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने पहुंच गया। नमाज अदा करने के बाद जब वह बाहर निकला, तो पहले से मौजूद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सुशील ने कहा कि उसने कानूनी तौर पर धर्मांतरण कर लिया है और अब वह मुसलमान है। इस बयान से विवाद और गहरा हो गया। पुलिस उसे तत्काल रमाला थाने ले गई।

पुलिस का बयान: “सुशील हिंदू ही है, मतांतरण नहीं किया”
शाम को बागपत (Baghpat) पुलिस ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें सुशील ने अपने पहले दिए गए बयान से बिल्कुल उलटी बात कही। वीडियो में उसने साफ कहा:
“मेरा नाम सुशील शर्मा है, मैं गांव असारा, तहसील बड़ौत का रहने वाला हूं। मैं हिंदू हूं और ब्राह्मण समाज से हूं। मैंने कोई धर्मांतरण नहीं किया है, मैं हिंदू हूं और हिंदू ही रहूंगा।”
इस वीडियो के बाद पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय ने प्रेस वार्ता कर कहा कि सुशील के धर्मांतरण की अफवाह फैलाई जा रही थी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी अफवाहें फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
माता की चौकी की अनुमति न मिलने से उपजा विवाद
बागपत (Baghpat) मामले की जांच में यह पहलू भी सामने आया कि सुशील ने हाल ही में माता की चौकी आयोजित करने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी। प्रशासन का कहना है कि यह एक नई परंपरा थी, इसलिए अनुमति नहीं दी गई। बताया जा रहा है कि इसी बात से आहत होकर सुशील ने धर्मांतरण का शपथ पत्र तैयार कराया और उसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने दिया।
हालांकि पुलिस का कहना है कि सुशील ने बिना अनुमति के माता की चौकी भी लगाई थी, जिसके चलते उस पर कार्रवाई की गई थी।
गांव में तनाव और चर्चाओं का दौर
बागपत (Baghpat) जिले के असारा गांव और आसपास के क्षेत्रों में यह मामला चर्चा का मुख्य विषय बन गया। एक ओर कुछ ग्रामीण सुशील के शपथ पत्र को सही मानकर उसे धर्म परिवर्तन कर चुका बताते रहे, वहीं दूसरी ओर पुलिस का आधिकारिक बयान माहौल को शांत करने का प्रयास करता रहा।
हालात बिगड़ने न पाएं, इसके लिए बागपत (Baghpat) पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। मस्जिदों और मंदिरों के आसपास विशेष निगरानी रखी जा रही है।
अफवाह फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
बागपत (Baghpat) पुलिस ने साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाकर माहौल खराब करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
फिलहाल सुशील को परिवार के साथ बातचीत कर शांत कराया गया है और पुलिस लगातार गांव की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।